अधरो पे धर के बंसी किसको सुना रहे हो लिरिक्स
Adharo Pe Dhar Ke Bansi Kisko Suna Rahe Ho
अधरो पे धर के बंसी किसको सुना रहे हो लिरिक्स (हिन्दी)
तर्ज: फूलों में सज रहे है।
अधरो पे धर के बंसी,
किसको सुना रहे हो,
इतना बता दे मोहन,
किसको लुभा रहे हो।।
बनकर तेरा दीवाना,
तेरी याद में विचरता,
तेरे लिये कन्हैया,
ये दिल मेरा धड़कता,
अच्छा नहीं जो प्यारे,
नजरे चुरा रहे हो,
इतना बता दे मोहन,
किसको लुभा रहे हो।।
एक बात पूछता हूँ,
क्या मैं भी तुमको भाता,
गर प्रेम है बराबर,
फिर क्यों मुझे सताता,
इतना ही कहदे मुझको,
क्यों जुल्म ढा रहे हो,
इतना बता दे मोहन,
किसको लुभा रहे हो।।
तेरा रूप है निराला,
तेरी शान है निराली,
ये बागबा है तेरा,
और तू है इसका माली,
नन्दू दया दिखा दे,
क्यों भाव खा रहे हो,
इतना बता दे मोहन,
किसको लुभा रहे हो।।
अधरो पे धर के बंसी,
किसको सुना रहे हो,
इतना बता दे मोहन,
किसको लुभा रहे हो।।
अधरो पे धर के बंसी किसको सुना रहे हो Video
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