अलख निरंजन अद्भुत माया जाणें ना इंसान तेरी Lyrics, Video, Bhajan, Bhakti Songs
अलख निरंजन अद्भुत माया जाणें ना इंसान तेरी Lyrics, Video, Bhajan, Bhakti Songs

अलख निरंजन अद्भुत माया जाणें ना इंसान तेरी लिरिक्स

Alakh Niranjan Adbhut Maya Jani Na Insan Teri

अलख निरंजन अद्भुत माया जाणें ना इंसान तेरी लिरिक्स (हिन्दी)

अलख निरंजन अद्भुत माया,
जाणें ना इंसान तेरी,
क्या करता के करदे पल में,
कुदरत है भगवान तेरी।।

एक समय में भूप हरीशचन्द्र,
दानवीर दातार हुये,
एक रोज घर बार छोड़ के,
एक रूप लाचार हुये,
काशी में जा बिक्या नीच घर,
मरघट पहरेदार हुये,
बेकसूर अपनी राणी का,
सिर काटण तैयार हुये,
खड़ग ऊठा कर सिर पर झोंकी,
जद दिखलाई शान तेरी,
क्या करता के करदे पल में,
कुदरत है भगवान तेरी,
अलख निरंजन अदभुद माया,
जाणें ना इंसान तेरी।।

एक समय नल राजा ने,
पासा फेंक्या हार हुई,
राजा से कंगाल हो गया,
बल बुद्धि बेकार हुई,
भुन्या तीतर ऊड़ग्या वन में,
दमयन्ती लाचार हुई,
अजगर एक भयानक आकर,
खाने को तैयार हुई,
अजब निराली माया देखी,
दुनियाँ के दरम्यान तेरी,
क्या करता के करदे पल में,
कुदरत है भगवान तेरी,
अलख निरंजन अदभुद माया,
जाणें ना इंसान तेरी।।

एक समय में विक्रम राजा,
परदुख भंजनहार हुये,
एक रोज घर बार छोड़ के,
जंगल के हकदार हुये,
खूँटी हार निगल गई देखो,
दशा देख लाचार हुये,
ईश्वर तेरी कुदरत न्यारी,
हाथ कटा बेकार हुये,
तेली के घर तेल निकाल्या,
माया है बलवान तेरी,
क्या करता के करदे पल में,
कुदरत है भगवान तेरी,
अलख निरंजन अदभुद माया,
जाणें ना इंसान तेरी।।

नरसी मेहता भात भरण ने,
जूनागढ़ से आय रहे,
सगा सबंधी करे मसखरी,
बासी टुकड़ा घाल रहे,
सुनी भगत की टेर प्रभु ने,
देर करि ना आने में,
मनभाविस को भात भर्यो जद,
समधी जी शर्माए गए,
सवा पहर तक सोनो बरस्यो,
खुल गयीं कई दुकान तेरी,
क्या करता के करदे पल में,
कुदरत है भगवान तेरी,
अलख निरंजन अदभुद माया,
जाणें ना इंसान तेरी।।

See also  अब तो मान जा रे डाकू तूने दारू क्यों पीदी Lyrics, Video, Bhajan, Bhakti Songs

पल में भूप कर निर्धन को,
सिर पर ताज लगादे तूँ,
पल में बस्ती ऊजड़ बणादे,
पल में शहर बसादे तू,
हँसने वाला रोता देख्या,
रोता हुवा हँसादे तू,
राजा ने कंगाल बणाकर,
घर घर भीख मंगादे तू,
हरिनारायण जाण सके ना,
माया दयानिधान तेरी,
क्या करता के करदे पल में,
कुदरत है भगवान तेरी,
अलख निरंजन अदभुद माया,
जाणें ना इंसान तेरी।।

अलख निरंजन अद्भुत माया,
जाणें ना इंसान तेरी,
क्या करता के करदे पल में,
कुदरत है भगवान तेरी।।

स्वर स्वामी सच्चिदानंद जी आचार्य।
प्रेषक सुभाष सारस्वा काकड़ा।

अलख निरंजन अद्भुत माया जाणें ना इंसान तेरी Video

अलख निरंजन अद्भुत माया जाणें ना इंसान तेरी Video

Browse all bhajans by swami sachidananda aacharya

Browse Temples in India