Bhole Shankar Shiv Bhajan Anuradha Paudwal Devotional
हे भोले ही भोले
शंकर पधारो
हे भोले शम्भू पधारो
बैठे चुप के कहा
जाता धारी पधारो
बैठे चुप के कहा
गंगा जटा में तुम्हारी
हो हो गंगा
जटा में तुम्हारी
हम प्यासे यहाँ
महा सती के पति
मेरी सुनो भंडाना
हे भोले शंकर पधारो
बोलो छुपे हो कहा
औ मुक्ति के दाता हो
औ मुक्ति के दाता
पड़ा संकट यहाँ
महा सती के पति
बोलो छुपे हो कहा
हे भोले
भगीरत को गंगा
प्रभु तूने दे थी
सदर जी के पुत्रों को मुक्ति मिली
नील कंठ महादेव
हुए है भरोसा
ीचा तुम्हारे बिन
कुछ भी न होता
हे भोले शम्भू पधारो
हे गौरी शंकर पधारो
किसने रोका वह
औ भस्मास रमिया
सबको ताज के यहाँ
औ भस्मास रमिया
सबको ताज के यहाँ
हे बोले
मेरे तपस्या का
फल चाहे लेलो
गंगा जल अब अपने
भक्तो को देदो
प्राण पखेरू कही
प्यासा उड़ जाये न
कोई तेरे करुना पे
उँगली उठाये न
भिक्षा मैं मांगू
जन कलियन की
भिक्षा मैं मांगू
जन कलियन की
ईशा करो पूरी
जंगा सनन की
अब न देर करो
आके कस्ट हरो
मेरे बात रक् लो
मेरे लाज़ रक् लो
हे भोले
गजधर पधारो
हे भोले विष
घर पधारो
डोर टूट गए न
मेरा जग में
नहीं कोई तेरे बिना
मेरा जग में
नहीं कोई तेरे बिना.