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Shri Parashuram Chalisa

दोहा श्री गुरु चरण सरोज छवि, निज मन मन्दिर धारि। सुमरि गजानन शारदा, गहि आशिष त्रिपुरारि।। बुद्धिहीन जन जानिये, अवगुणों का भण्डार। बरणौं परशुराम सुयश, निज मति के अनुसार।। चौपाई जय प्रभु परशुराम सुख सागर, जय मुनीश गुण ज्ञान दिवाकर। भृगुकुल मुकुट बिकट रणधीरा, क्षत्रिय तेज मुख संत शरीरा। जमदग्नी सुत रेणुका जाया, तेज प्रताप […]

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Shri Saraswati Chalisa ||

दोहा जनक जननि पदम दुरज, निज मस्तक पर धारि। बन्दौं मातु सरस्वती, बुद्धि बल दे दातारि। पूर्ण जगत में व्याप्त तव, महिमा अमित अनंतु। राम सागर के पाप को, मातु तुही अब हन्तु।। चौपाई जय श्रीसकल बुद्धि बलरासी, जय सर्वज्ञ अमर अविनाशी। जय जय जय वीणाकर धारी, करती सदा सुहंस सवारी। रूप चतुर्भुजधारी माता, सकल […]

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Shri Khatu Shyam Ji

दोहा श्री गुरु चरण ध्यान धर, सुमिरि सच्चिदानन्द। श्याम चालीसा भजत हूँ, रच चैपाई छन्द।। चौपाई श्याम श्याम भजि बारम्बारा, सहज ही हो भवसागर पारा। इन सम देव न दूजा कोई, दीन दयालु न दाता होई। भीमसुपुत्र अहिलवती जाया, कहीं भीम का पौत्र कहाया। यह सब कथा सही कल्पान्तर, तनिक न मानों इनमें अन्तर। बर्बरीक […]

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Shri Ram Dev Chalisa

दोहा श्री गुरु पद नमन करि, गिरा गनेश मनाय। कथूं रामदेव विमल यश, सुने पाप विनशाय।। द्वार केश से आय कर, लिया मनुज अवतार। अजमल गेह बधावणा, जग में जय जयकार।। चौपाई जय जय रामदेव सुर राया, अजमल पुत्र अनोखी माया। विष्णु रूप सुर नर के स्वामी, परम प्रतापी अन्तर्यामी। ले अवतार अवनि पर आये, […]

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Shri Baglamukhi Chalisa

दोहा सिर नवाइ बगलामुखी, लिखूं चालीसा आज।। कृपा करहु मोपर सदा, पूरन हो मम काज।। चौपाई जय जय जय श्री बगला माता। आदिशक्ति सब जग की त्राता।। बगला सम तब आनन माता। एहि ते भयउ नाम विख्याता।। शशि ललाट कुण्डल छवि न्यारी। असतुति करहिं देव नर-नारी।। पीतवसन तन पर तव राजै। हाथहिं मुद्गर गदा विराजै।। […]

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Shri Narmada Chalisa

॥ दोहा ॥ देवि पूजित, नर्मदा, महिमा बड़ी अपार। चालीसा वर्णन करत, कवि अरु भक्त उदार॥ इनकी सेवा से सदा, मिटते पाप महान। तट पर कर जप दान नर, पाते हैं नित ज्ञान ॥ ॥ चौपाई ॥ जय-जय-जय नर्मदा भवानी, तुम्हरी महिमा सब जग जानी। अमरकण्ठ से निकली माता, सर्व सिद्धि नव निधि की दाता। कन्या रूप सकल गुण खानी, […]

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Shri Gayatri Chalisa

॥ श्री गायत्री चालीसा ॥ ह्रीं श्रीं क्लीं मेधा प्रभा जीवन ज्योति प्रचण्ड । शान्ति कान्ति जागृत प्रगति रचना शक्ति अखण्ड ॥ १॥ जगत जननी मङ्गल करनिं गायत्री सुखधाम । प्रणवों सावित्री स्वधा स्वाहा पूरन काम ॥ २॥ भूर्भुवः स्वः ॐ युत जननी । गायत्री नित कलिमल दहनी ॥ ३॥ अक्षर चौविस परम पुनीता । […]

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Shrii Bhairava Chalisa

॥ श्री भैरव चालीसा ॥ दोहा श्री गणपति गुरु गौरि पद प्रेम सहित धरि माथ । चालीसा वन्दन करौं श्री शिव भैरवनाथ ॥ श्री भैरव संकट हरण मंगल करण कृपाल । श्याम वरण विकराल वपु लोचन लाल विशाल ॥ जय जय श्री काली के लाला । जयति जयति काशी-कुतवाला ॥ जयति बटुक-भैरव भय हारी । […]

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Shrii Shani Chaaliisaa

॥ श्री शनि चालीसा ॥ दोहा जय गणेश गिरिजा सुवन मंगल करण कृपाल । दीनन के दुख दूर करि कीजै नाथ निहाल ॥ जय जय श्री शनिदेव प्रभु सुनहु विनय महाराज । करहु कृपा हे रवि तनय राखहु जनकी लाज ॥ जयति जयति शनिदेव दयाला । करत सदा भक्तन प्रतिपाला ॥ चारि भुजा तनु श्याम […]

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Shri Shakambhari Chalisa 2

श्रीशाकंभरी चालिसा २ दोहा । श्री गणपति गुरुपद कमल, सकल चराचर शक्ति । ध्यान करिअ नित हिय कमल । प्रणमिअ विनय सभक्ति । आद्या शक्ति पधान, शाकम्भरी चरण युगल । प्रणमिअ पुनि करि ध्यान, नील कमल रुचि अति बिमल ॥ चौपाई । जय जय श्री शाकम्भरी जगदम्बे, सकल चराचर जग अविलम्बए । जयति सृष्टि पालन […]