छेड़ी के पूछत लोग के प्रेम को रोग रे सूर लाग्यो तोहे कब ते बाँवरो मैं भयो बाल गोपाल को रावरो रूप बस Lyrics

tum taji aur kaun pe jaaun

छेड़ी के पूछत लोग के प्रेम को रोग रे सूर लाग्यो तोहे कब ते बाँवरो मैं भयो बाल गोपाल को रावरो रूप बस Lyrics in Hindi

छेड़ी के पूछत लोग के प्रेम को रोग रे सूर लाग्यो तोहे कब ते
बाँवरो मैं भयो बाल गोपाल को रावरो रूप बस्यो हिय जब ते
हरी गुण गाई के मांगी के खाई के जोड़ी के हाँथ कहु यही सब ते
शीश नबे जिनके घनश्याम को शीश नबे काहू और को नब ते

बोलो हे ….बोलो हे…बोलो हे..गोपाल
तुम तजि और कौन पे जाऊं
काके द्वार जाहि सिर नाउँ
परहथ कहाँ बिकाऊ
तुम तजि और कौन पे जाऊं

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छेड़ी के पूछत लोग के प्रेम को रोग रे सूर लाग्यो तोहे कब ते बाँवरो मैं भयो बाल गोपाल को रावरो रूप बस Lyrics Transliteration (English)

chhedee ke poochhat log ke prem ko rog re soor laagyo tohe kab te
baanvaro main bhayo baal gopaal ko raavaro roop basyo hiy jab te
haree gun gaee ke maangee ke khaee ke jodee ke haanth kahu yahee sab te
sheesh nabe jinake ghanashyaam ko sheesh nabe kaahoo aur ko nab te

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bolo he ….bolo he…bolo he..gopaal
tum taji aur kaun pe jaoon
kaake dvaar jaahi sir naun
parahath kahaan bikaoo
tum taji aur kaun pe jaoon

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