जग में हारे का सहारा खाटू की नगरी में है लिरिक्स
Jag Me Haare Ka Sahara Khatu Ki Nagri Me Hai
जग में हारे का सहारा खाटू की नगरी में है लिरिक्स (हिन्दी)
तर्ज: सांवरी सूरत पे मोहन।
जग में हारे का सहारा,
खाटू की नगरी में है,
खाटू की नगरी में है वो,
खाटू की नगरी में है,
अब तो पागल दिल हमारा,
खाटू की नगरी में है।।
दिल भी वो धड़कन वही है,
खाटू का मेरा सांवरा,
मेरी अखियों का सितारा,
खाटू की नगरी में है,
अब तो पागल दिल हमारा,
खाटू की नगरी में है।।
अन्न दाता भी वही है,
मेरा माई बाप भी,
हम गरीबों का गुजारा,
खाटू की नगरी में है,
अब तो पागल दिल हमारा,
खाटू की नगरी में है।।
हमको हमसे ही चुराकर,
ले गई जिसकी नज़र,
सज के बैठा श्याम प्यारा,
खाटू की नगरी में है,
अब तो पागल दिल हमारा,
खाटू की नगरी में है।।
इक झलक को है तरसते,
जिसको सारे भक्त जन,
कमल वो दिलकश नज़ारा,
खाटू की नगरी में है,
अब तो पागल दिल हमारा,
खाटू की नगरी में है।।
जग में हारे का सहारा,
खाटू की नगरी में है,
खाटू की नगरी में है वो,
खाटू की नगरी में है,
अब तो पागल दिल हमारा,
खाटू की नगरी में है।।
जग में हारे का सहारा खाटू की नगरी में है Video
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