कभी तो अपनी कुटिया में भी राम आएंगे Lyrics, Video, Bhajan, Bhakti Songs
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कभी तो अपनी कुटिया में भी राम आएंगे लिरिक्स

Kabhi To Apni Kutiya Me Bhi Ram Aayenge

कभी तो अपनी कुटिया में भी राम आएंगे लिरिक्स (हिन्दी)

तर्ज: दिल दिवाने का।

कुछ बेर चुनो नेकी के,
अपने काम आएंगे,
कभी तो अपनी कुटिया में भी,
राम आएंगे।।

है कर्म हमारे अच्छे,
तो किस्मत अपनी दासी,
बस कर्म सुधारे अपना,
ये समझे बात जरा सी,
जो बोए पेड़ बबूल,
कहां से आम आएंगे,
कभी तों अपनी कुटियां में भी,
राम आएंगे।।

तीरथ स्नान किए बस,
है तन का मैल छुड़ाया,
मन मैला अंत समय में,
फिर काहे को पछताया,
हम जैसा कर्म करें,
वैसे परिणाम आएंगे,
कभी तों अपनी कुटियां में भी,
राम आएंगे।।

ये धर्म कर्म दो पहिए,
जीवन की गाड़ी चलाओ,
ये राजनीति सब छोड़ो,
बस राम नीति अपनाओ,
भक्तों के लिए ये खुशियां,
सुबहो शाम लाएंगे,
कभी तों अपनी कुटियां में भी,
राम आएंगे।।

कर त्याग भरत सा प्यारे,
शबरी सा धीरज धरले,
पढ़ राम चरित मानस को,
हनुमत सी भक्ति करले,
ये मंत्र प्रभु भक्ति के,
रोमी काम आएंगे,
कभी तों अपनी कुटियां में भी,
राम आएंगे।।

कुछ बेर चुनो नेकी के,
अपने काम आएंगे,
कभी तो अपनी कुटिया में भी,
राम आएंगे।।

कभी तो अपनी कुटिया में भी राम आएंगे Video

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