खाटू में श्याम विराज रहे और सालासर में बजरंगी लिरिक्स

खाटू में श्याम विराज रहे,
और सालासर में बजरंगी,
मेरे श्याम धणी और बजरंगी,
भक्तों की दूर करे तंगी,
खाटू में श्याम बिराज रहे,
और सालासर में बजरंगी।।



एक अहलवती का लाला है,
और भक्तों का रखवाला है,
एक श्री राम का सेवक है,
और विघ्न मिटाने वाला है,
दोनों ही एक बराबर है,
मेरे श्याम धणी और बजरंगी,
खाटू में श्याम बिराज रहे,
और सालासर में बजरंगी।।



दरबार में खाटू वाले के,
दुख दर्द मिटाए जाते हैं,
सालासर में बालाजी भी,
अन्न धन संतान दिलाते हैं,
दोनों ही सुख के दाता है,
मेरे श्याम धणी और बजरंगी,
खाटू में श्याम बिराज रहे,
और सालासर में बजरंगी।।



कलयुग में खाटू वाले की,
घर घर में पूजा होती है,
सालासर के बालाजी की,
हर घर में ज्योति जलती है,
दोनों ही देव निराले हैं,
मेरे श्याम धणी और बजरंगी,
खाटू में श्याम बिराज रहे,
और सालासर में बजरंगी।।



कहे ‘अमित सोनी’ इस दुनिया में,
मेरे श्याम के जैसा कोई नहीं,
संकट से मुक्त कराए जो,
हनुमान के जैसा कोई नहीं,
हर एक के श्याम सहारे हैं,
और संकट मोचन बजरंगी,
मेरे श्याम धणी और बजरंगी,
खाटू में श्याम बिराज रहे,
और सालासर में बजरंगी।।



खाटू में श्याम विराज रहे,
और सालासर में बजरंगी,
मेरे श्याम धणी और बजरंगी,
भक्तों की दूर करे तंगी,
खाटू में श्याम बिराज रहे,
और सालासर में बजरंगी।।

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