ॐ जय श्री जगतारण नंगली साहिब आरती Lyrics, Video, Bhajan, Bhakti Songs
ॐ जय श्री जगतारण नंगली साहिब आरती Lyrics, Video, Bhajan, Bhakti Songs

ॐ जय श्री जगतारण नंगली साहिब आरती लिरिक्स

Om Jai Shri Jagtaran Aarti

ॐ जय श्री जगतारण नंगली साहिब आरती लिरिक्स (हिन्दी)

ॐ जय श्री जगतारण,
स्वामी जय श्री जगतारण,
शुभ मग के उपदेशक,
यम त्रास निवारण।। ओम जय श्री।।

परमारथ अवतार जगत में,
गुरु जी ने है लीन्हा,
मेरे स्वामी जी ने है लीन्हा,
हम जैसे भागियन को,
गृह दर्शन दीन्हा।। ओम जय श्री।।

कलि कुटिल जीव निस्तारण को,
प्रभु सन्त रूप धर के;
स्वामी सन्त रूप धर के,
आतम को दर्शावत,
मल धोये है मन के।। ओम जय श्री।।

आप पाप त्रय ताप गये,
जो गुरु शरणी आये,
मेरे स्वामी शरणी आये,
गुरु जी से लाल अमोलक,
तिस जन ने पाये।। ओम जय श्री।।

सहज समाधि अनाहत ध्वनि,
जप अजपा बतलाये,
स्वामी अजपा बतलाये,
प्राणायाम की लहरें,
मेरे मन भाये।। ओम जय श्री।।

हरि किरपा कर जन्म दियो,
जग मात पिता द्वारे,
स्वामी मात पिता द्वारे
उनसे अधिक गुरु जी है,
भवनिधि से तारें।। ओम जय श्री।।

तले की वस्तु गगन ठहरावे,
गुरु के शब्द शर से,
सतगुरु के शब्द शर से,
सो सूरा सो पूरा,
बल में वह बरते।। ओम जय श्री।।

तत स्नेह प्रेम की बाती,
योग अगन जिन के,
स्वामी योग अगन जिन के,
आरती लायक सो जन,
जो है शुद्ध मन के।। ओम जय श्री।।

श्री परमहंस सतगुरु जी की आरती,
अष्टपदी रच के,
स्वामी अष्टपदी रच के;
‘साहिबचन्द’ ने गाई,
पद रज सज कर के।। ओम जय श्री।।

ॐ जय श्री जगतारण,
स्वामी जय श्री जगतारण,
शुभ मग के उपदेशक,
यम त्रास निवारण।। ओम जय श्री।।

ॐ जय श्री जगतारण नंगली साहिब आरती Video

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