पूनम का मेला ये दादा जब जब भी आता है नाकोड़ा जी भजन लिरिक्स
Poonam Ka Mela Ye Dada Jab Jab Bhi Aata Hai
पूनम का मेला ये दादा जब जब भी आता है नाकोड़ा जी भजन लिरिक्स (हिन्दी)
तर्ज: बाबुल का ये घर।
पूनम का मेला ये,
दादा जब जब भी आता है,
नाकोडा जी जाने को,
मेरा मन ललचाता है,
पूनम का मेला यें,
दादा जब जब भी आता है।।
दादा तेरे मंदिर में,
भक्तो की है लगती कतार,
दूर दूर से आते है,
तेरे दर्शन को नर और नार,
किस्मतवाला है,
जो मेवानगर जाता है,
पूनम का मेला यें,
दादा जब जब भी आता है।।
प्रभु पारस के दरबार में,
रंग भक्ति का बरसता है,
प्रभु पारस के संग संग में,
डमरू वाला भी सजता है,
है ये निराला दरबार,
जहाँ संसार झुकता है,
पूनम का मेला यें,
दादा जब जब भी आता है।।
टुकलिया परिवार की,
दादा विनती तुम सुन लेना,
तेरे दरबार आते रहे,
बस इतनी कृपा करना,
दिलबर नितिन का तो,
तुमसे गहरा ये नाता है,
पूनम का मेला यें,
दादा जब जब भी आता है।।
पूनम का मेला ये,
दादा जब जब भी आता है,
नाकोडा जी जाने को,
मेरा मन ललचाता है,
पूनम का मेला यें,
दादा जब जब भी आता है।।
पूनम का मेला ये दादा जब जब भी आता है नाकोड़ा जी भजन Video
पूनम का मेला ये दादा जब जब भी आता है नाकोड़ा जी भजन Video
गायक नितिन जैन विजयनगर।
रचनाकार दिलीप सिंह सिसोदिया दिलबर।
नागदा जक्शन म.प्र. 9907023365