सचा है दरबार शेरा वाली दा, सेवक है संसार पहाडा वाली दा
सचा है दरबार शेरा वाली दा,
सेवक है संसार पहाडा वाली दा
लख जनता भवन तो वारी,
चन सूरज लै किरण उधारी,
हर था है ओ भगता,
हर था है चमकार जोत दी लाली दा,
सेवक है संसार पहाडा वाली दा,
ब्रह्मा भेद वी पा ना सकिया,
नारद महिमा गा ना सकिया,
कैसा है ओ भगता,
कैसा है चमत्कार माँ शिवाली दा,
सेवक है संसार पहाडा वाली दा,
ऐसा घर ना जग ते कोई,
हर था माँ दी रहमत होई,
भर देंदी ओ भगता,
भर देंदी भंडार अये सवाली दा,
सेवक है संसार पहाडा वाली दा,
सोहनी साहिल मिन्ता करदे,
तिलक निमाने दे दुःख हर दे,
हर था है ओ भगता,
हर था है सतिकार भवन दी लाली दा,
सेवक है संसार पहाडा वाली दा