क्यों पीवे तू पानी हंसिनी,क्यों पीवे तू पानी, सागर खीर भरा घट भीतर, क्यों पीवे तू पानी हंसिनी,क्यों पीवे तू पानी,सागर खीर भरा घट भीतर,पीयो सूरत तानी हंसिनी,क्यों पीवे तू पानी । जग को जार धसो नभ अंदर,मंदर परख निशानी हंसिनी,क्यों पीवे तू पानी । गुर मूरत तू धार हिये में,मन के संग क्यों फिरत […]