सुदर्शन मुनि प्यारे हमारे मन में भजन लिरिक्स
Sudarshan Muni Pyare Hamare Man Me
सुदर्शन मुनि प्यारे हमारे मन में भजन लिरिक्स (हिन्दी)
तर्ज सावन का महीना।
सुदर्शन मुनि प्यारे,
हमारे मन में,
समाए जो पपीहा,
मगन घन में।।
शाशन की शान है ये,
संघ की शोभा,
इतने महान है ये,
फैली है महिमा,
जिनकी होती प्रशंसा,
है जन जन में,
समाए जो पपीहा,
मगन घन में।।
संयम की साधना में,
ये सावधान है,
शिष्यों को भी बनाते,
अपने समान है,
लगे हैं ये तो रहते,
प्रत्येक क्षण में,
समाए जो पपीहा,
मगन घन में।।
गुरु मदन लाल जी के,
उत्तराधिकारी,
उनके असूलों के हैं,
परम पुजारी,
आने नहीं देते,
कमी ये प्रण में,
समाए जो पपीहा,
मगन घन में।।
जादू भरा सा होता,
इनका व्याख्यान है,
वाणी गम्भीर इनकी,
मेघ के समान है,
सिंह जो गरजता,
स्वतंत्र वन में,
समाए जो पपीहा,
मगन घन में।।
बच्चे बच्चे को इनसे,
मिलती है प्रेरणा,
इनसे ही होती सच्ची,
धर्म प्रभावना,
दूँदभि सी है बजती,
मानो रण में,
समाए जो पपीहा,
मगन घन में।।
सुदर्शन मुनि प्यारे,
हमारे मन में,
समाए जो पपीहा,
मगन घन में।।
Singer Sanjay Jain
Upload By Rashmi Pranav
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