खूब तेरा रूप ठाकुर खूब तेरे वायदे क्योंना निहाल करो दरश दिखाईके खूब तेरा रूप ठाकुर खूब तेरे वायदेक्यों ना निहाल करो दरश दिखाईके तेरे कारन चली मैं तो जगत हसायकेढुंढत फिरू मैं कहा रहे हो छुपायके निशंक लियो री मैंने तन मन वार केकलना पड़ेगी प्रभु बिना देखे आपके तन मन की जानो सब […]