बहना सुणो तो सरी रामजी दयाल ज्याने क्यूं बिसरी Lyrics, Video, Bhajan, Bhakti Songs
बहना सुणो तो सरी रामजी दयाल ज्याने क्यूं बिसरी Lyrics, Video, Bhajan, Bhakti Songs

Indulge in the divine wisdom of ‘Bahana Suno To Sari Ram Ji Dayal Ne Kyu Bisri’, a soul-stirring bhajan sung by the revered Dr. Shri Rampasad Ji Maharaj. This mesmerizing devotional song is a heartfelt appeal to the divine Lord Ram, the embodiment of compassion and mercy. The lyrics, infused with devotion and longing, pose a poignant question to the Lord – why have you forgotten your devotee? The bhajan is a beautiful expression of the devotee’s yearning for the Lord’s attention and love, and the pain of separation from the divine.

Let Dr. Shri Rampasad Ji Maharaj’s powerful vocals and the soothing melody transport you to a state of spiritual introspection, as you reflect on the beauty and mystery of the divine.

बहना सुणो तो सरी रामजी दयाल ज्याने क्यूं बिसरी लिरिक्स (हिन्दी)

बहना सुणो तो सरी,
बाया सुणों तो सरी,
रामजी दयाल ज्याने,
क्यूं बिसरी।।

सांझ सवेरे झगड़ों करतीं,
दोपारा लग सोती,
बासी मुन्डे करे कलेवो,
पीछे मुखड़ों धोती,
बहना सुणों तो सरी,
बाया सुणों तो सरी,
रामजी दयाल ज्याने,
क्यूं बिसरी।।

कर तकरार पति पर कड़के,
जैसे कालो नागण,
सीख न किसी की सुणे संकणी,
ऐसी है मंदभागण,
बहना सुणों तो सरी,
बाया सुणों तो सरी,
रामजी दयाल ज्याने,
क्यूं बिसरी।।

बड़ी कठोर दया नहीं मन में,
रहे ना किसी के सहारे,
रोटी करती टाबरिया ने,
पटक पटक कर मारे,
बहना सुणों तो सरी,
बाया सुणों तो सरी,
रामजी दयाल ज्याने,
क्यूं बिसरी।।

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घर में बैठया मन नहीं लागे,
दिन भर करे हथाई,
बास गलियों में फिरें भटकती,
निंदा करे पराई,
बहना सुणों तो सरी,
बाया सुणों तो सरी,
रामजी दयाल ज्याने,
क्यूं बिसरी।।

दोनों हाथा सू माथो कुचरे,
चक चक जूंआ मारे,
ओढ़नियों लटकाया चाले,
फिरती डगर बुहारे,
बहना सुणों तो सरी,
बाया सुणों तो सरी,
रामजी दयाल ज्याने,
क्यूं बिसरी।।

हरदम मुंडों फुलायो राखें,
कदे ना मीठी बोले,
बड़े बुढ़ो की तान ना माने,
बदन ऊगाड़िया डोले,
बहना सुणों तो सरी,
बाया सुणों तो सरी,
रामजी दयाल ज्याने,
क्यूं बिसरी।।

रोवे तो सब गांव सुणावे,
हड़ हड़ हड़ हांसे,
मेली घणी कुचेली रेवे,
तन रा कपड़ा बासे,
बहना सुणों तो सरी,
बाया सुणों तो सरी,
रामजी दयाल ज्याने,
क्यूं बिसरी।।

ऐसी नार मिलें कोई नर ने,
हरि ने तुरंत पुकारें,
दीनानाथ दया कर म्हारो,
बेड़ों पार उतारे,
बहना सुणों तो सरी,
बाया सुणों तो सरी,
रामजी दयाल ज्याने,
क्यूं बिसरी।।


घर बाता बारे बाता,
बाता आता जाता,
ऐ बाता थारी कदे न खूटे,
पड़े जमा री लाता,
बहना सुणों तो सरी,
बाया सुणों तो सरी,
रामजी दयाल ज्याने,
क्यूं बिसरी।।

खावण ने तो खाटी घणी,
राम भजन में माटी,
जंवायो रा गीत गावती,
फिरे शहर में नाटी,
बहना सुणों तो सरी,
बाया सुणों तो सरी,
रामजी दयाल ज्याने,
क्यूं बिसरी।।

पांच सात भाई भेला रेवे तो,
घर में लागे प्यारा,
जो बायो रो सारो होवे तो,
करदे न्यारा न्यारा,
बहना सुणों तो सरी,
बाया सुणों तो सरी,
रामजी दयाल ज्याने,
क्यूं बिसरी।।

परमार्थ ने पतली पोवे,
घर का ताई जाडी,
साहिब के दरबार में थारी,
कया आसी आडी,
बहना सुणों तो सरी,
बाया सुणों तो सरी,
रामजी दयाल ज्याने,
क्यूं बिसरी।।

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सोखा चावल मोठ बाजरी,
घर मे आगा मेले,
अलियो धान घणा,
कांकरा मांगणिया ढेले,
बहना सुणों तो सरी,
बाया सुणों तो सरी,
रामजी दयाल ज्याने,
क्यूं बिसरी।।

ओढ़ पेर कर ऐड़ी निरखें,
उण बाया री बड़दे,
जे बाया रो हुकम चाले तो,
चोटी फूरकतो करदे,
बहना सुणों तो सरी,
बाया सुणों तो सरी,
रामजी दयाल ज्याने,
क्यूं बिसरी।।

बाया ने तो निंदो मती रे,
निंदो या रा पाप,
बाया री निंदा मत करजो,
बाया सबकी माया,
बहना सुणों तो सरी,
बाया सुणों तो सरी,
रामजी दयाल ज्याने,
क्यूं बिसरी।।

बाया री निंदा मत करजो,
बाया सबकी माया,
अमर भई है मीरा बाई,
गिरधर का गुण गाया,
बहना सुणों तो सरी,
बाया सुणों तो सरी,
रामजी दयाल ज्याने,
क्यूं बिसरी।।

बहना सुणो तो सरी,
बाया सुणों तो सरी,
रामजी दयाल ज्याने,
क्यूं बिसरी।।

बहना सुणो तो सरी रामजी दयाल ज्याने क्यूं बिसरी Video

बहना सुणो तो सरी रामजी दयाल ज्याने क्यूं बिसरी Video

स्वर डॉ. श्री रामप्रसाद जी महाराज।

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