यहाँ देवता महान कहते हैं, वहाँ राधे का गुलाम कहते हैं
यहाँ देवता महान कहते हैं,
वहाँ राधे का गुलाम कहते हैं
यहां बैठा सिंहासन लगा के,
वहां राधे के पीछे पीछे भागे,
यहां गोकुल की शान कहते हैं,
वहाँ राधे का गुलाम कहते हैं
यहाँ भगतों पे रौब जमाये,
वहाँ उंगली पे राधे नचाये,
यहाँ भगतों की जान कहते हैं,
वहाँ राधे का गुलाम कहते हैं
यहाँ लाखो लाखो आते हैं भिखारी,
वहां राधे का हो गया पुजारी,
यहाँ जिसे भगवान् कहते हैं,
वहाँ राधे का गुलाम कहते हैं
यहाँ भक्त श्याम श्याम जप रहे हैं,
वहां राधे जी के डंके बज रहे हैं,
यहाँ दानी दयावान कहते हैं,
वहाँ राधे का गुलाम कहते हैं
एक राजा भी करता है गुलामी,
ये बनवारी सच्ची है कहानी,
इसे प्रेम का परिणाम कहते हैं,
राधे तुझको प्रणाम करते हैं
यहाँ देवता महान कहते हैं,