आप गुरुजी मोहे तारो जी मारो अवगुण भरयो शरीर लिरिक्स
Aap Guruji Mohe Taro Ji Mharo Avgun Bharyo Sharir
आप गुरुजी मोहे तारो जी मारो अवगुण भरयो शरीर लिरिक्स (हिन्दी)
आप गुरुजी मोहे तारो जी,
मारो अवगुण भरयो जी शरीर।।
ज्ञान न जाणु ध्यान आप को,
माफ करो तकसीर,
ज्ञानी भक्तजन भक्ति ऊपाव,
कर कर कष्ट शरीर,
आप गुरुजी मोही तारो जी,
मारो अवगुण भरयो जी शरीर।।
अगम अगोचर महिमा सुणी जी,
चाली प्रेम की पीड़,
अर्जी सुणल्यो मारी बिनती,
दिल बंधाओ धीर,
आप गुरुजी मोही तारो जी,
मारो अवगुण भरयो जी शरीर।।
भव सागर की अनन्त लहरा,
तिरना बहुत गंभीर,
काम क्रोध मद मोह लोभ म,
लिपट डुबाव शरीर,
आप गुरुजी मोही तारो जी,
मारो अवगुण भरयो जी शरीर।।
भव सागर म किस्थी जुलरी,
खेवटिया छ पीर,
गोवचर बंशी हीरानंद गाव,
सतगुरु आप लगाओ तीर,
आप गुरुजी मोही तारो जी,
मारो अवगुण भरयो जी शरीर।।
आप गुरुजी मोहे तारो जी,
मारो अवगुण भरयो जी शरीर।।
गायक प्रधान मीणा।
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