Alka Goel Bhajan (KAI JANMON SE BOOLA RAHI HOON
कई जन्मो से बुला रही हूँ,
कोई तो रिश्ता जरूर होगा
नज़रो से नज़रे मिला न पायी,
मेरी नज़र का कसूर होगा
नज़रो से नज़रे मिला न पायी,
मेरी नज़र का कसूर होगा
कई जन्मो से बुला रही हूँ,
कोई तो रिश्ता जरूर होगा
तुम्ही तो मेरे मात पिता हो,
तुम्ही तो मेरे बंधू सखा हो
कितने ही नाते तुम संग जोड़े,
कोई तो नाता जरूर होगा
कई जन्मो से बुला रही हूँ,
कोई तो रिश्ता जरूर होगा
कभी बुलाते हो वृन्दाबन में,
कभी बुलाते हो मधुबन में
अपने तुम घर में रोज बुलाते,
मेरे घर भी आना जरूर होगा
कई जन्मो से बुला रही हूँ,
कोई तो रिश्ता जरूर होगा
तुम्ही तो मेरी आत्मा हो,
तुम्ही तो मेरे परमात्मा हो
मुझी में रह कर मुझी से पर्दा,
पर्दा हटाना ज़रूर होगा
कई जन्मो से बुला रही हूँ,
कोई तो रिश्ता जरूर होगा
आँखों में बस गयी तस्वीर तेरी,
दिल मेरा हो गया जागीर तेरी
दासी की विनती तुम्हारे आगे,
दरश दिखाना जरूर होगा
कई जन्मो से बुला रही हूँ,
कोई तो रिश्ता जरूर होगा
कई जन्मो से बुला रही हूँ,
कोई तो रिश्ता जरूर होगा