भजन बिना काहे को देह धरी Lyrics, Video, Bhajan, Bhakti Songs
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भजन बिना काहे को देह धरी लिरिक्स

Bhajan Bina Kahe Ko Deh Dhari

भजन बिना काहे को देह धरी लिरिक्स (हिन्दी)

भजन बिना काहे को देह धरी,
गटक चटक सू खायो सोयो,
सुमिरयो नाहीं हरि,
भजन बिना काहे को देह धरी।।

भूखों को भोजन नहीं दीनो,
सेवा नाहीं करी,
भजन बिना काहे को देह धरी।।

वाचा देकर बाहिर आयो,
पीछे बुद्धि फिरी,
भजन बिना काहे को देह धरी।।

श्री भागवत सुनी नहीं काना,
झूठी जिक्र करी,
भजन बिना काहे को देह धरी।।

सूरदास भगवन्त भजन बिनु,
जननी भार मरी,
भजन बिना काहे को देह धरी।।

भजन बिना काहे को देह धरी,
गटक चटक सू खायो सोयो,
सुमिरयो नाहीं हरि,
भजन बिना काहे को देह धरी।।

भजन बिना काहे को देह धरी Video

भजन बिना काहे को देह धरी Video

https://www.youtube.com/watch?v=R35j0OZZ7Rk

स्वर संत श्री रामप्रसाद जी महाराज।

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