भस्मी लगाएं बाबा उज्जैन के वो राजा लिरिक्स
Bhasmi Lagaye Baba Ujjain Ke Vo Raja
भस्मी लगाएं बाबा उज्जैन के वो राजा लिरिक्स (हिन्दी)
कालो के काल है,
मृत्यु के है वो राजा,
भस्मी लगाएं बाबा,
उज्जैन के वो राजा।।
दीदार करना चाहूं,
दर्शन को प्यासी अखियां,
चरणों में रहना चाहूं,
बस दिल की एक आशा,
उज्जैन में भी आऊ,
दर्शन भी करना चाहूं,
महाकाल की वो महिमा,
सबको सुनाना चाहूं।।
मेरे दिल की एक आशा,
तेरे दर पे मरना चाहूं,
मरने के बाद भोले,
भस्मी तुम्हें लगाऊं,
उज्जैन में भी आऊ,
दर्शन भी करना चाहूं,
महाकाल की वो महिमा,
सबको सुनाना चाहूं।।
महाकाल तुमको प्यारी,
वह भस्म आरती है,
मुर्दे की राख से ही,
वह होती आरती है,
सत्यम को वर दे बाबा,
बस दिल से तुझको चाहूँ,
महाकाल भस्म आरती,
मैं भी तो करना चाहूँ।।
कालो के काल है,
मृत्यु के है वो राजा,
भस्मी लगाएं बाबा,
उज्जैन के वो राजा।।
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