छोटा सा योगी अलख जगावे नगरी की गली गली म्ह लिरिक्स
Chota Sa Yogi Alakh Jagave Nagri Ki Gali Gali Me
छोटा सा योगी अलख जगावे नगरी की गली गली म्ह लिरिक्स (हिन्दी)
छोटा सा योगी अलख जगावे,
नगरी की गली-गली म्ह।।
अलख निरंजन अलख निरंजन,
दे दयो माई भिक्षा भोजन,
न्यू आवाज लगावै,
नगरी की गली-गली म्ह।।
बेह माता नै इसा रूप बणाया,
कंचन जैसी चमकै काया,
बोल जणू कोयल गावै,
नगरी की गली-गली म्ह।।
कदे इधर कदे उधर नै डोल्लै,
ओम शिव ओम शिव गोरख बोल्लै,
मंद मंद मुस्कावै,
नगरी की गली-गली म्ह।।
गुरु ज्ञान बिना घोर अंधेरा,
गजेन्द्र स्वामी न्यू शरणा लेरया,
जिसा करै वैसा ही पावै,
नगरी की गली-गली म्ह।।
छोटा सा योगी अलख जगावे,
नगरी की गली-गली म्ह।।
Singer Lucky Sharma
Writer / Uplaod Gajender Swami
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