Jab Jab Bhi Koi Dar Pe – New Krishna Bhajan – Zid Hai Kanhaiya – Romi
जब जब भी कोई दर पे,
तेरे हार के आया है,
तूने तूने उस प्रेमी को सीने से लगाया है,
भगतो के हर आंसू तूने मोती कर डाले,
खुशियों के वो मोती झोली में भर डाले,
रो रो कर जिसने भी दामन फैलाया है,
तूने तूने उस प्रेमी को सीने से लगाया है…
जिनका कोई न साथी तू साथ चले उनके,
हाथो में लेकर के सदा हाथ चले उनके,
जो हार के बैठ गये उन्हें फिर से चलाया है,
तूने तूने उस प्रेमी को सीने से लगाया है,
तू फ़िक्र करे बाबा एक सच्चे प्रेमी की,
तू कदर करे बाबा इक अच्छे प्रेमी की,
जिसने भी प्रेम किया उसे अपना बनाया है,
तूने उस प्रेमी को सीने से लगाया है …..
हम को भी थोड़ी सी प्रभु प्रेम की शिक्षा दो,
तेरे प्रेम में हम दुबे हमे इतनी बिक्शा दो,
तेरे प्रेम से रोमी ने जीवन महकाया है
तूने उस प्रेमी को सीने से लगाया है