JAI MATA DI..JAI JAG JANANI MATA..Anuradha paudwal
जग जननी जय जय, मा जग जननैई जय जय
भयहारानी, भावतारणी, भावभामिनी जय जय
मा जाग जननी जय जय
तू ही सात चिट शुखमाया, शुधा ब्रह्मारूपा
मैय्या शुधा ब्रह्मारूपा
सत्या सॅंटॅना सुंदर, सत्या सॅंटॅना सुंदर,
पर-शिव सुरभुपा
जय जग जननी जय जय
आदि अनादि अनामया, अविचल अविनाशी
मैय्या असिचल अविनाशी
अमल अनानाट अगोचर, अमल अनानाट अगोचर
आज अनानद-राशि
जय जग जननी जय जय
अविकारी, अघहरी, अकल, कला-धरी
मैय्या अकल कला-धरी
करता विधि भरता हरी,करता विधि भरता हरी,
हर शानहारकारी
जय जग जननी जय जय
तू विधि वधू रामा तू, उमा महा-माया
मैय्या उमा महा-माया
मूल प्रकृति विद्या, मूल प्रकृति विद्या,
मूल प्रकृति विद्या,
तू जननी जाया
जय जग जननी जय जय
डूस विद्या नाव दुर्गा, नानशास्तरकारा
मैय्या नानशास्तरकारा
असतमत्रिका योगिनी, असतमत्रिका योगिनी,
नाव नाव रूप धारा
जय जग जननी जय जय
तू पर्धाम अनिवासिनी, महा-अविलासानी तू
मैय्या महा-अविलासिनी तू
तू ही श्मशान विहारिणी, तू ही श्मशान विहारिणी,
तांडव लासीनी तू
जय जग जननी जय जय
सुर मिनी मोहिनी सौम्या, तू शोभा धारा
मैय्या तू शोभा धारा
विवसन विकट स्वरूपा, विवसन विकट स्वरूपा,
प्रलायमयी धारा
जय जग जननी जय जय
तू ही स्नेहा सुधामाया, तू आती गारलमाना
मैय्या तू आती गारलमाना
रत्नविभहूसिट तू ही, रत्नविभहूसिट तू ही,
तू ही अस्थि ताना
जय जग जननी जय जय
मूलाधारा निवासिनी, इहा पर सीधिप्र्धे
मैय्या इहा पर सीधिप्र्धे
काला टीका काली,काला टीका काली,
कमला तू वर्दे
जय जग जननी जय जय
शक्ति शक्ति धार टू ही, नित्या अभेदमयी
मैय्या नित्या अभेदमयी
भेद प्रदर्शिनी वाणी, भेद प्रदर्शिनी वाणी,
विमले वेदतराई
जय जग जननी जय जय
हम आती दीं दुखी मा, विकट जाल घेरे
मैय्या विकट जाल घेरे
हैं कपूत आती कपटी, हैं कपूत आती कपटी,
पर बालक तेरे
जय जग जननी जय जय
निज स्वाभावा वश जननी, दयाड्रस्टी की जय
मैय्या दयाड्रस्टी की जय
करुणा कर करुणामयी, करुणा कर करुणामयी,
चरण–शरण की जय
जय जग जननी जय जय