कमलाकांत प्रभु कमलनयन स्वामी, घट घट वासी अंतर्यामी

कमलाकांत प्रभु कमलनयन स्वामी,
घट घट वासी अंतर्यामी ।
नारायण दीनदयाल, जय जगदीश हरे ।
निज भक्तन के प्रतिपाल, जय जगदीश हरे ॥ 

जय जय राम राजा राम, जय जय राम राजा राम 

प्रभु अनुसरण जेहि जन कीना ।
नाथ परमपद तिन कर दीना ॥

भक्ति भाव की ऐसी धारा ।
जो डूबे सो उतरे पारा ॥

कलियुग केवल नाम अधारा ।
हरी सुमिरन हरी कीर्तन सारा ॥

नारायण दीनदयाल, जय जगदीश हरे ।

वितरसि दिक्षुरनि दिक्पति कमनीयं
दशमुख मौली बलिम रमनीयं ॥
केशव धृत राम शरीर जय जगदीश हरे ।
हरी हरते जन की पीड़ जय जगदीश हरे ॥

जय जय नारायण नारायण नारायण
हरी हरी नारायण नारायण नारायण
नारायण दीनदयाल, जय जगदीश हरे ।
निज भक्तन के प्रतिपाल, जय जगदीश हरे॥

शांताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं ।
विश्वाधारं गगनसदृश्यम मेघवरणं शुभांगम ॥
लक्ष्मीकांतं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगमयं ।
वंदे विष्णु भवभय हरं सर्व लोकेक नाथं ॥

https://youtu.be/T1TBknEhQrs

See also  ओ जाने वाले रघुवर को Lyrics | Bhajans | Bhakti Songs

Browse Temples in India

Recent Posts

आओ पधारो बाबोसा मन मन्दिर में बाबोसा Lyrics, Video, Bhajan, Bhakti Songs

आओ पधारो बाबोसा मन मन्दिर में बाबोसा लिरिक्स Aao Padharo Babosa Man Mandir Me Babosa आओ पधारो बाबोसा मन मन्दिर में बाबोसा लिरिक्स (हिन्दी) है दुखभंजन, बाबोसा भगवन, तुम्ही प्राण प्यारे, तुम हो जीवन, मन मे यही है कामना,…

NavaGraha Stotram

“Nava” means nine, and “Graha” refers to the planets. The NavaGraha Stotram is a revered hymn composed of nine verses, each dedicated to one of the nine celestial deities that comprise the Navagrahas. These are: Each verse of the…