मनमोहन खेल रहे होरी मनमोहन होली भजन लिरिक्स
Manmohan Khel Rahe Holi
मनमोहन खेल रहे होरी मनमोहन होली भजन लिरिक्स (हिन्दी)
तर्ज: होरी में लाज न कर गोरी।
मनमोहन खेल रहे होरी,
दोहा फागुण महीना लगत ही,
जिया मोरा उमंग में,
होरी खेले श्याम सुन्दर,
श्री राधा जी के संग में।
मनमोहन खेल रहे होरी,
मनमोहन,
ओ वारे रसिया ओ वारे छैला,
ओ वारे रसिया ओ वारे छैला,
मनमोहन खेल रहे होली,
मनमोहन।।
कोई बचा ना कुन्ज गली में,
कुन्ज गली में, कुन्ज गली में,
कोई बचा ना कुन्ज गली में,
ऐसी मोहन की टोली मनमोहन,
मनमोहन खेल रहे होली,
मनमोहन।।
कोई बना है रंग रंगीला,
रंग रंगीला रसिक रसीला,
कोई बना है रंग रंगीला,
उड़े गुलाल मले रोली मनमोहन,
मनमोहन खेल रहे होली,
मनमोहन।।
चुनर भीग गयी सखियन की,
गयी सखियन की गयी सखियन की,
चुनर भीग गयी सखियन की,
रंग में भीग गयी चोली मनमोहन,
मनमोहन खेल रहे होली,
मनमोहन।।
अबीर गुलाल पीठ में कसके,
पीठ में कसके पीठ में कसके,
अबीर गुलाल पीठ में कसके,
मारत भर भर के झोली मनमोहन,
मनमोहन खेल रहे होली,
मनमोहन।।
मनमोहन खेल रहे होली,
मनमोहन,
ओ वारे रसिया ओ वारे छैला,
ओ वारे रसिया ओ वारे छैला,
मनमोहन खेल रहे होली,
मनमोहन।।
स्वर बाबा श्री चित्र विचित्र जी महाराज।
मनमोहन खेल रहे होरी मनमोहन होली भजन Video
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