Mujhe Apni Sharan Mein Lelo Ram by Sonu Nigam
मुझे अपनी शरण में ले लो राम, ले लो राम!
लोचन मन में जगह न हो तो
जुगल चरण में ले लो राम, ले लो राम!
जीवन देके जाल बिछाया
रच के माया नाच नचया
चिन्ता मेरी तभी मिटेगी
जब चिन्तन में ले लो राम, ले लो राम!
मुझे अपनी शरण में ले लो राम!
तू ने लाखोँ पापी तारे
मेरी बारी बाजी हारे, बाजी हारे
मेरे पास न पुण्य की पूँजी
पद पूजन में ले लो राम, ले लो राम!
मुझे अपनी शरण में ले लो राम!
राम हे राम, राम हे राम
दर दर भटकूँ घर घर अटकूँ
कहाँ कहाँ अपना सर पटकूँ
इस जीवन में मिलो न तुम तो राम, हे राम!
इस जीवन में मिलो न तुम तो,
मुझे मरण में ले लो राम, ले लो राम!
मुझे अपनी शरण में ले लो राम, ले लो राम!
लोचन मन में जगह न हो तो
जुगल चरण में ले लो राम, ले लो राम!