Naynaan Me Pichkari Dahi Shrinathji ke Holi ke Rasiya
होरी खेली न जाय।
नैनन में पिचकारी दई, मोहे गारी दई, होरी खेली न जाय।
खेली न जाये होरी खेली न जाये ।।
नैनन में पिचकारी दई, मोहे गारी दई, होरी खेली न जाय।
क्यों रे लंगर लंगराई मोसे कीनी, केसर कीच कपोलन दीनी
लिये गुलाल ठाडो ठाडो मुसकाय, होरी खेली न जाय ॥१॥
नेक न कान करत काहू की, नजर बचावे भैया बलदाऊ की
पनघट से घर लों बतराय, होरी खेली ने जाय ॥२॥
ओचक कुचन कुमकुमा मारे, रंग सुरंग सीस पे डारे
यह ऊधम सुन सास रिसाय. होरी खेली न जाय॥३॥
होरी के दिनन मोसे दूनो दूनो अटके, सालीगराम कौन जाय हटके
अंग चुपट हँसी हा हा खाय, होरी खेली न जाय ॥४॥