निज गौरव को निज वैभव को लिरिक्स
Nij Gaurav Ko Nij Vaibhav Ko
निज गौरव को निज वैभव को लिरिक्स (हिन्दी)
निज गौरव को निज वैभव को,
क्यों हिन्दू बहादुर भूल गए,
उपदेश दिया जो गीता में,
क्यों सुनना सुनाना भूल गए,
निज गौंरव को निज वैभव को।।
रावण ने सीया चुराई तो,
हनुमान ने लंका जलाई थी,
अब लाखों सीते हरी गई,
क्यों लंका जलाना भूल गए,
निज गौंरव को निज वैभव को,
क्यों हिन्दू बहादुर भूल गए,
निज गौंरव को निज वैभव को।।
कान्हा ने रास रचाया था,
दुष्टों को मार भगाया था,
अब रास रचना याद रहा,
क्यों चक्र चलना भूल गए,
निज गौंरव को निज वैभव को,
क्यों हिन्दू बहादुर भूल गए,
निज गौंरव को निज वैभव को।।
राणा ने राह दिखाई थी,
शिवराज ने भी अपनाई थी,
जिस राह पर बंदा वीर चला,
उस राह पर चलना भूल गए,
निज गौंरव को निज वैभव को,
क्यों हिन्दू बहादुर भूल गए,
निज गौंरव को निज वैभव को।।
केशव की है ललकार यही,
है भारत माँ की पुकार यही,
जिस गोद में पलकर बड़े हुए,
क्यों मान बढ़ाना भूल गए,
निज गौंरव को निज वैभव को,
क्यों हिन्दू बहादुर भूल गए,
निज गौंरव को निज वैभव को।।
निज गौरव को निज वैभव को,
क्यों हिन्दू बहादुर भूल गए,
उपदेश दिया जो गीता में,
क्यों सुनना सुनाना भूल गए,
निज गौंरव को निज वैभव को।।
निज गौरव को निज वैभव को Video
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