ओ मनमोहन कृष्ण कन्हैया हाथ छुड़ा के कहाँ चले Lyrics, Video, Bhajan, Bhakti Songs
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ओ मनमोहन कृष्ण कन्हैया हाथ छुड़ा के कहाँ चले लिरिक्स

O Manmohan Krishna Kanhaiya Hath Chuda Ke Kahan Chale

ओ मनमोहन कृष्ण कन्हैया हाथ छुड़ा के कहाँ चले लिरिक्स (हिन्दी)

ओ मनमोहन कृष्ण कन्हैया,
हाथ छुड़ा के कहाँ चले।।

बंसी बजाके रास रचाकर,
गोपी नचा के कहाँ चले,
ओ मन मोहन कृष्ण कन्हैया,
हाथ छुड़ा के कहाँ चले।।

माखन खाया मटकी फोड़ी,
छुपते छुपाते कहाँ चले,
ओ मन मोहन कृष्ण कन्हैया,
हाथ छुड़ा के कहाँ चले।।

भरी सभा मे द्रुपदसुता का,
चीर बढ़ा के कहाँ चले,
ओ मन मोहन कृष्ण कन्हैया,
हाथ छुड़ा के कहाँ चले।।

गाय चराई वंशी बजाई,
ग्वाल सखा संग कहाँ चले,
ओ मन मोहन कृष्ण कन्हैया,
हाथ छुड़ा के कहाँ चले।।

यमुना में जा गेंद उछाली,
नाग नथैया कहाँ चले,
ओ मन मोहन कृष्ण कन्हैया,
हाथ छुड़ा के कहाँ चले।।

अर्जुन का सब मोह मिटाके,
गीता गाके कहाँ चले,
ओ मन मोहन कृष्ण कन्हैया,
हाथ छुड़ा के कहाँ चले।।

तुम्हर पुकारे हम सब राजेन्द्र,
विश्व रूप तुम कहाँ चले,
ओ मन मोहन कृष्ण कन्हैया,
हाथ छुड़ा के कहाँ चले।।

ओ मनमोहन कृष्ण कन्हैया,
हाथ छुड़ा के कहाँ चले।।

गीतकार/गायक राजेंद्र प्रसाद सोनी।

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