Old is Gold: Krishna Bhajan – Brindavan ka krishna kanhaiya
बृन्दावन का कृष्ण कन्हैया सब की आँखों का तारा मन ही मन क्यों जले राधिका मोहन तो है सब का प्यारा बृन्दावन का कृष्ण कन्हैया ... जमना तट पर नन्द का लाला जब जब रास रचाये रे तन मन डोले कान्हा ऐसी बंसी मधुर बजाये रे सुध-बुध भूली खड़ी गोपियाँ जाने कैसा जादू डारा बृन्दावन का कृष्ण कन्हैया ... रंग सलोना ऐसा जैसे छाई हो घट सावन की ऐ री मैं तो हुई दीवानी मनमोहन मन भावन की तेरे कारण देख बाँवरे छोड़ दिया मैं ने जग सारा बृन्दावन का कृष्ण कन्हैया