Om Jai Shri Chandi Mata || Maa Chandi Ka Chalisa & Aarti || Superhit Devotional Song || HD
Om Jai Shri Chandi Mata || Maa Chandi Ka Chalisa & Aarti || Superhit Devotional Song || HD

Om Jai Shri Chandi Mata || Maa Chandi Ka Chalisa & Aarti || Superhit Devotional Song || HD

( माँ चंडी चालीसा )*****
++++ दोहा ++++
जय माँ चंडी चंडिका, चामुंडा शक्ति स्वरूप ।
प्रचंड हुई प्रचंडी माँ , धार ज्योति का रूप ।।
ब्रह्मां की ब्रह्माणी माँ , विष्णु की लक्ष्मी मात ।
चंडी काली गौरी माँ , हो रहती शिव के साथ।।
<<<<चोपाई >>>>
जय चामुंडा जय माँ चंडी ।
जय माँ शिवानी जय प्रचंडी ।।
मात मंगला मंगल करनी ।
करुणामयी माँ संकट हरनी ।।
दिव्य ज्योति की दिव्य है दृष्टि ।
प्रकटी इसी से सकल है सृष्टि ।।
ब्रह्मां विष्णु शिव ने ध्याआ ।
देवों ने भी माँ को मनाया ।।
दुर्गा रूप धर जग को तारे ।
चंडी रूप धर दुष्ट संहारे ।।
असुरों ने देवों को सताया ।
चंडी रूप धर रच दी माया ।।
सतयुग त्रेता द्वापर कलयुग ।
जग में प्रकटी चंडी हर युग ।।
कहीं प्रकट हुई पिंडी रूप में ।
कहीं विराजी मूर्ति रूप में ।।
कलयुग प्रकटी मिधल भटासा।
पूर्ण कर दी सब की आशा ।।
घुमरो माई घर चंडी प्रकटी ।
उसको दी युक्ति से मुक्ति ।।
प्रकट हुई फिर पाडर मचेला ।
अदभुत माँ ने खेल था खेला ।।
जोरावर को दर्श दिया था ।
करगिल माँ संग जीत लिया था ।।
माँ के कहे को जब था भुलाया ।
अन्त समें वो था पछताया ।।
आये यहाँ फिर कर्नल यादव ।
उन्हें हुआ था अदभुत अनुभव ।।
उन्होंने चंडी माँ को माना ।
पा शक्ति का माँ से ख़ज़ाना ।।
माँ का सुन्दर भवन बनाया ।
माँ से भक्ति का फल पाया ।।
दूर दूर से भगत जो आते ।
मन इच्छा फल माँ से पाते ।।
झंसकार के भगतों को तारा ।
भविष्यवाणी कर दुखों से उभारा ।।
हजार तोले चांदी की मुरत ।
उन्होंने ला करवाई स्थापित ।।
चंडी रानी अठ्ठरां बुजी माँ ।
क्या क्या करिश्में करने लगी माँ ।।
नथनी हिला कभी झुमके हिलाती।
पलकें झपक माँ यह बतलाती ।।
साक्षात हूँ बैठी यहाँ पर ।
दर्श करो हर शंका मिटाकर ।।
आये कुलवीर करने को डियूटी ।
माँ के भवन पे पड़ी जो दृष्टि ।।
कृष्ण लाल पंडिता संग ठाकुर ।
खूब सजाते माँ का मन्दिर ।।
देख के माँ ने सच्ची भक्ति ।
ऐसी इनको दे दी शक्ति ।।
निस दिन करते माँ की सेवा ।
बाँट रहे सेवा का मेवा ।।
मूर्ति रूप में माँ की ज्योति ।
मिंधला की रानी आई चनोती ।।
माँ का खूब हुआ प्रचारा ।
घर घर फैल गया उजियारा ।।
होने लगी हर साल ही यात्रा ।
बढ़ने लगी भगतों की मात्रा ।।
ले त्रिशूला चलते ठाकुर ।
संग छड़ी के आते पाडर ।।
इक पर्वत पे बैठे शंकर ।
दृष्टि दया की रखते सब पर ।।
चंडी विराजी बीच मचेला ।
लगता जहां भगतों का मेला ।।
माँ चंडी का तेज निराला ।
चरणों में बहता बोट है नाला ।।
आज्ञा सुर इक और विराजे ।
इक और नीलम पर्वत साजे ।।
माँ चंडी के नाम कई हैं ।
शिवदूती के धाम कई हैं ।।
माँ की महिमा माँ ही जाने ।
हर इक रूप को हर कोई माने ।।
माँ की दया है जिस पर होती ।
जगती उसके मन में ज्योति ।।
अपने कारज आप कराये ।
पर {अंजुम} का नाम धराये ।।
चंडी चालीसा जो कोई गाये ।
जन्म सफल हो उसका जाये ।।
****दोहा****
हर अंजुम के सिर पे माँ, रखती दया का हाथ ।
अपने भगतों के सदा , चलती माँ है साथ ।।
चंडी नाम का हो रहा , युगों से है प्रचार ।
माँ चंडी की हो रही , घर घर जय जयकार ।।
*******जय माँ चंडी जय माँ काली*******
*** रचनाकार प्यासा अंजुम ***
गायक व् संगीतकार सुरिन्दर मन्हास
माँ चंडी के सभी भगतों को मेरी और से हाथ जोडकर
निवेदन है कि माँ चंडी चालीसा का पाठ रोज़ाना
करके पुन्य के भागीदार बनें। अगर हो सके तो ज्यादा
से ज्यादा भगतों को इसे शेयर करें आपकी अति कृपा
होगी ।जय चंडी मा

See also  Pehli Aarti Duji Sewa \\ सुपरहिट भक्ति गीत \\ Album Name: Maa Chandi Ka Chalisa & Aarti

Browse Temples in India