रहमत कर माँ चरणों में रख ले भजन लिरिक्स
Rahmat Kar Maa Charno Me Rakh Le
रहमत कर माँ चरणों में रख ले भजन लिरिक्स (हिन्दी)
दर दर की माँ खा के ठोकर,
तेरे दर पर आई हूँ,
रहमत कर माँ चरणों में रख ले,
जग की मैं ठुकराई हूँ।।
ये भी देखें दर दर का भटकना छूट गया।
कौन है अपना जग में मईया,
किसको मैं अपना कहूं,
कोई नहीं अब मेरी सुनता,
किसको दिल का दर्द कहूं,
बेदर्दी इस जग से मईया,
हार तेरे दर आई हूँ,
दर दर की माँ खा के ठोकर,
तेरे दर पर आई हूँ।।
दुनिया के भव सागर में माँ,
सबने मुझको छोड़ दिया,
दिया ना साथ किसी ने मेरा,
सबने ही मुख मोड़ लिया,
राह अँधेरी देख के मईया,
मैं तो बड़ी घबराई हूँ,
दर दर की माँ खा के ठोकर,
तेरे दर पर आई हूँ।।
तोड़ के सारे जग के बंधन,
तुझसे आस लगाईं है,
दिल मेरा कहता मुझसे मईया,
होनी मेरी सुनवाई है,
और ना कुछ भी मांगू तुझसे,
बस एक अर्ज़ी लाइ हूँ,
दर दर की माँ खा के ठोकर,
तेरे दर पर आई हूँ।।
मतलब के सब साथी हैं माँ,
कोई ना मेरा अपना है,
अपनों ने ही गैर बना कर,
तोडा हर एक सपना है,
किस से कहूं मैं अपना जग में,
सबके लिए तो पराई हूँ,
दर दर की माँ खा के ठोकर,
तेरे दर पर आई हूँ।।
दर दर की माँ खा के ठोकर,
तेरे दर पर आई हूँ,
रहमत कर माँ चरणों में रख ले,
जग की मैं ठुकराई हूँ।।
Singer Sona Jadhav
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