राम लला घर आए है मिलकर सारे दीप जलाओ लिरिक्स
Ram Lala Ghar Aaye Hai
राम लला घर आए है मिलकर सारे दीप जलाओ लिरिक्स (हिन्दी)
मन उपवन में फूल खिले,
अब नैन मेरे सुख पाए है,
मिलकर सारे दीप जलाओ,
राम लला घर आए है,
मिलकर सारे दीप जलाओ,
राम लला घर आये हैं।।
रोम रोम अब खिलने लगा,
तेरी आहत के अहसास से,
लौटे है रघुनाथ हमारे,
वर्षो के वनवास से,
सजल हुई है सुखी अखियां,
लब मेरे मुस्काए है,
मिलकर सारे दीप जलाओ,
राम लला घर आये हैं।।
किन शब्दों में करूँ मैं वर्णन,
उस पावन सुखधाम का,
धन्य अयोध्या की वो धरती,
जहाँ पे घर मेरे राम का,
चौखट के पत्थर भी अपनी,
किस्मत पर इतराए है,
मिलकर सारे दीप जलाओ,
राम लला घर आये हैं।।
ये खुशहाली वाला सूरज,
रातें गिन गिन आया है,
घड़ियां बीती सदियां बीती,
तब ये शुभ दिन आया है,
सोनू के वीराने मन ने,
गीत ख़ुशी के गाए है,
मिलकर सारे दीप जलाओ,
राम लला घर आये हैं।।
मन उपवन में फूल खिले,
अब नैन मेरे सुख पाए है,
मिलकर सारे दीप जलाओ,
राम लला घर आए है,
मिलकर सारे दीप जलाओ,
राम लला घर आये हैं।।
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