रे मन प्रति स्वांस पुकार यही जय राम हरे घनश्याम हरे Lyrics, Video, Bhajan, Bhakti Songs
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रे मन प्रति स्वांस पुकार यही जय राम हरे घनश्याम हरे लिरिक्स

Re Man Prati Swas Pukar Yahi

रे मन प्रति स्वांस पुकार यही जय राम हरे घनश्याम हरे लिरिक्स (हिन्दी)

रे मन प्रति स्वांस पुकार यही,
जय राम हरे घनश्याम हरे,
तन नौका की पतवार यही,
जय राम हरे घनश्याम हरे।।

जग में व्यापक आधार यही,
जग में लेता अवतार वही,
है निराकार साकार यही,
जय राम हरे घनश्याम हरे।।

ध्रुव को ध्रुव-पद दातार यही,
प्रह्लाद गले का हार यही,
नारद वीणा का तार यही,
जय राम हरे घनश्याम हरे।।

सब सुकृतो का आगार यही,
गंगा यमुना की धार यही,
श्री रामेश्वर हरिद्वार यही,
जय राम हरे घनश्याम हरे।।

सज्जन का साहूकार यही,
प्रेमीजन का व्यापार यही,
सुख बिंदु सुधा का सार यही,
जय राम हरे घनश्याम हरे।।

रे मन प्रति स्वांस पुकार यही,
जय राम हरे घनश्याम हरे,
तन नौका की पतवार यही,
जय राम हरे घनश्याम हरे।।

स्वर रमेश दाधीच।
रचना श्री बिंदु जी महाराज।

रे मन प्रति स्वांस पुकार यही जय राम हरे घनश्याम हरे Video

रे मन प्रति स्वांस पुकार यही जय राम हरे घनश्याम हरे Video

Song – Manush Ho To Wahi Raskhan
Album – Hindola
Singer – Madhavi Pendharkar
Music – Ramlal Mathur
Lyrics – Traditional
Label: Veena Music
Copyright: Oriental Audio Visual Electronics
Release Date: 6/1/1988

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