सदा सतसंग की महिमा मुबारक हो मुबारक हो लिरिक्स
Sada Satsang Ki Mahima
सदा सतसंग की महिमा मुबारक हो मुबारक हो लिरिक्स (हिन्दी)
सदा सतसंग की महिमा,
मुबारक हो मुबारक हो।।
जगत को जलता देख करके,
प्रभु ने ज्ञान घटा भेजी,
बुझावे ताप त्रिय को,
मुबारक हो मुबारक हो।।
शोक संशय सब भागे,
गरजना संतों की सुन के,
वर्षावे ज्ञान अमृत को,
मुबारक हो मुबारक हो।।
बिना जप योग यज्ञ तप के,
सतसंग भव तारन गंगा,
समागम संतों का ऐसा,
मुबारक हो मुबारक हो।।
भवसिंधु पार होने का,
जहाज सतसंग है जग में,
खेवैया महात्मा साधू,
मुबारक हो मुबारक हो।।
हजारों खल कुटिल पामर,
सतसंग से तिर गये पापी,
अचलराम फिर भी तिरते जात,
मुबारक हो मुबारक हो।।
सदा सतसंग की महिमा,
मुबारक हो मुबारक हो।।
सदा सतसंग की महिमा मुबारक हो मुबारक हो Video
सदा सतसंग की महिमा मुबारक हो मुबारक हो Video
गायक समुद्र सूरेला।
रचना स्वामी अचलराम जी महाराज।
प्रेषक सांवरिया निवाई।
मो. 7014827014