सांची थारी सकलाई जी सांगलपति महाराज Lyrics, Video, Bhajan, Bhakti Songs
सांची थारी सकलाई जी सांगलपति महाराज Lyrics, Video, Bhajan, Bhakti Songs

Sanchi Thari Saklai Re Sanglapati Maharaj” is a beautiful and soulful bhajan that celebrates the grace and divine presence of Sanglapati Maharaj. This bhajan carries deep devotion and reverence, bringing a sense of peace and spiritual joy to the listener.

Through heartfelt lyrics and the melodious voice of Vinod Bamnia Losal, the song creates an atmosphere of devotion, allowing devotees to feel connected to the divine.

सांची थारी सकलाई जी सांगलपति महाराज लिरिक्स (हिन्दी)

तर्ज: पंख होते तो।

सांची थारी सकलाई जी,
सांगलपति महाराज,
तुम्हे दुनियां शीश नवाती रे।।

संत यहा पर धूणी तपे,
सांझ सवेरे अलख जगे,
जगदम्बा की ज्योति जगे है,
निरखत ज्योति कष्ट कटे।।

बड़े भाग से गुरु मिले,
कह दे अपने सारे गिले,
इनके डर से यमदूत हिले,
गुरु कृपा से मोक्ष मिले।।

सेवा यहा पर सर्वोपरि,
जाती वर्ण में भेद नहीं,
नेम और नीति कर लो सही,
महापुरुषों ने यही कही।।

बंशीदास जी सतगुरु पाये,
काल मौत से आप बचाये,
ओमदास थांका गुण गाये,
हिवड़े में सन्तोष धराये।।

सांची थारी सकलाई जी,
सांगलपति महाराज,
तुम्हे दुनियां शीश नवाती रे।।

सांची थारी सकलाई जी सांगलपति महाराज Video

सांची थारी सकलाई जी सांगलपति महाराज Video

स्वर विनोद बामणिया लोसल।

Song Credits:

  • Bhajan: Sanchi Thari Saklai Re Sanglapati Maharaj
  • Singer: Vinod Bamnia Losal
  • Lyrics & Composition: Traditional
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