Shri Krishna Govind Hare Murari, Shri Krishna Govind Hare Murari by Anup Jalota
Shri Krishna Govind Hare Murari, Shri Krishna Govind Hare Murari by Anup Jalota

Shri Krishna Govind Hare Murari by Anup Jalota

श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी
हे नाथ नारायण वासुदेवा
हे नाथ नारायण
एक मात स्वामी सखा हमारे
हे नाथ नारायण वासुदेवा
हे नाथ नारायण
श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी

बंदी गृह के तुम अवतारी
कही जन्मे कही पले मुरारी
किसी के जाये किसी के कहाये
है अद्भुद हर बात तिहारी
गोकुल में चमके मथुरा के तारे
हे नाथ नारायण वासुदेवा
श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी

अधर पे बंशी ह्रदय में राधे
बट गए दोनों में आधे आधे
हे राधा नागर हे भक्त वत्सल
सदैव भक्तों के काम साधे
वही गए वही गए वही गए
जहाँ गए पुकारे
हे नाथ नारायण वासुदेवा
श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी

गीता में उपदेश सुनाया
धर्म युद्ध को धर्म बताया
कर्म तू कर मत रख फल की इच्छा
यह सन्देश तुम्ही से पाया
अमर है गीता के बोल सारे
हे नाथ नारायण वासुदेवा
श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी

त्वमेव माता च पिता त्वमेव
त्वमेव बंधू सखा त्वमेव
त्वमेव विद्या द्रविणं त्वमेव
त्वमेव सर्वं मम देव देवा
श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी

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