राजीव लोचन राम आज अपने घर आए कण कण पुलकित, पुरजन हर्षित, राजीव लोचन राम आज अपने घर आए ।कण कण पुलकित, पुरजन हर्षित,राम लकहन सिया जान मन भाए ॥ नाचे किन्नर नाग बदूटी,बार बार कुसुमांजलि छूटी ।हे जग पावन, मुनि मन भावन,असीसो भाजस बरनी न जाए ॥राजीव लोचन राम आज अपने घर आए… नगर […]