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Ram Dhun (Duniya Chale Na Shri Ram Ke Bina 3 Of 1)

Ram Dhun (Duniya Chale Na Shri Ram Ke Bina 3 Of 1) दुनिया चले ना श्री राम के बिना, राम जी चले ना हनुमान के बिना दुनिया चले ना श्री राम के बिना, राम जी चले ना हनुमान के बिना जब से रामायण पढ़ ली है, एक बात मैंने समझ ली है रावण मरे ना […]

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“Jinke Mann mein basae Sri Ram Ji”

“Jinke Mann mein basae Sri Ram Ji” जिनके मन में बसे श्री राम जी, उनकी रक्षा करें हनुमान जी । जब भक्तों पर विपदा आई, तब आये हनुमंत गोसाई । कृपा राम भक्तो पर करते, उनकी पीड़ा को हर लेते । जय कपीष बलवान की ॥ राम कथा के अद्बुत नायक, रामदूत भक्तो के सहायक […]

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“Jai Shri Ram-Tera Ram Ji Karenge Beda Par”

“Jai Shri Ram-Tera Ram Ji Karenge Beda Par” राम नाम सोहि जानिये, जो रमता सकल जहान घट घट में जो रम रहा, उसको राम पहचान तेरा रामजी करेंगे बेड़ा पार, उदास मन काहे को करे । नैया तेरी राम हवाले, लहर लहर हरि आप सँभाले | हरि आप ही उठावे तेरा भार, उदास मन काहे […]

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“Bhajmann Ram Charan Sukhdai” – Shri Ram Bhazan

“Bhajmann Ram Charan Sukhdai” – Shri Ram Bhazan भज मन राम चरण सुखदाई जिहि चरननसे निकसी सुरसरि संकर जटा समाई ।जटासंकरी नाम परयो है, त्रिभुवन तारन आई ॥ जिन चरननकी चरनपादुका भरत रह्यो लव लाई ।सोइ चरन केवट धोइ लीने तब हरि नाव चलाई ॥ सोइ चरन संत जन सेवत सदा रहत सुखदाई ।सोइ चरन […]

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Payoji Maine Ram Ratan Dhan Payo

Payoji Maine Ram Ratan Dhan Payo पायो जी मैंने राम रतन धन पायो पायो जी मैंने राम रतन धन पायो पायो जी मैंने वस्तु अमोलिक दी मेरे सतगुरु वस्तु अमोलिक दी मेरे सतगुरु कृपा कर अपनायो पायो जी मैंने कृपा कर अपनायो पायो जी मैंने राम रतन धन पायो पायो जी मैंने राम रतन धन […]

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Shree Ram Bhajan (Mangal Bhavan) (NEW)

Shree Ram Bhajan (Mangal Bhavan) (NEW) मंगल भवन अमंगल हारी द्रबहु सुदसरथ अचर बिहारी राम सिया राम सिया राम जय जय राम – २ हो, होइहै वही जो राम रचि राखा को करे तरफ़ बढ़ाए साखा हो, धीरज धरम मित्र अरु नारी आपद काल परखिये चारी हो, जेहिके जेहि पर सत्य सनेहू सो तेहि मिलय […]

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Sri Rama Stuti: Sri Rama chandra kripalu

Sri Rama Stuti: Sri Rama chandra kripalu ॥दोहा॥ श्री रामचन्द्र कृपालु भजुमन हरण भवभय दारुणं । नव कंज लोचन कंज मुख कर कंज पद कंजारुणं ॥१॥ कन्दर्प अगणित अमित छवि नव नील नीरद सुन्दरं । पटपीत मानहुँ तडित रुचि शुचि नोमि जनक सुतावरं ॥२॥ भजु दीनबन्धु दिनेश दानव दैत्य वंश निकन्दनं । रघुनन्द आनन्द कन्द […]