व्यर्थ क्यों भटकता प्राणी सुबह से शाम रे लिरिक्स
Vyarth Kyo Bhatakta Prani Subah Se Sham Re
व्यर्थ क्यों भटकता प्राणी सुबह से शाम रे लिरिक्स (हिन्दी)
व्यर्थ क्यों भटकता प्राणी,
सुबह से शाम रे,
हरि नाम गा ले रे बन्दे,
मिलेगा आराम रे,
प्रभु नाम गा ले रे बन्दे,
मिलेगा आराम रे।।
यहाँ से लिया जो तूने,
यहीं रह जाएगा,
धन दौलत ये तेरे,
काम नहीं आएगा,
साथ में रहेगा तेरे,
साथ में रहेगा तेरे,
प्रभुजी का नाम रे,
हरि नाम गा ले रे बन्दे,
मिलेगा आराम रे,
प्रभु नाम गा ले रे बन्दे,
मिलेगा आराम रे।।
झूठे है सहारे जग के,
झूठे रिश्ते नाते है,
ये झूठे है झमेले सारे,
मन को सताते है,
सच है यही बस बोलो,
सच है यही बस बोलो,
हरे कृष्ण राम रे,
हरि नाम गा ले रे बन्दे,
मिलेगा आराम रे,
प्रभु नाम गा ले रे बन्दे,
मिलेगा आराम रे।।
तेरा किया कुछ ना होता,
व्यर्थ में तू रोता है,
मर्जी प्रभु की होती,
तभी कुछ होता है,
इन्ही से बनेंगे सारे,
इन्ही से बनेंगे सारे,
बिगड़े सब काम रे,
हरि नाम गा ले रे बन्दे,
मिलेगा आराम रे,
प्रभु नाम गा ले रे बन्दे,
मिलेगा आराम रे।।
व्यर्थ क्यों भटकता प्राणी,
सुबह से शाम रे,
हरि नाम गा ले रे बन्दे,
मिलेगा आराम रे,
प्रभु नाम गा ले रे बन्दे,
मिलेगा आराम रे।bd।
व्यर्थ क्यों भटकता प्राणी सुबह से शाम रे Video
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