Sri Annapurna Stotram – श्री अन्नपूर्णा स्तोत्रम्
Sri Annapurna Stotram – श्री अन्नपूर्णा स्तोत्रम्

Read in: Devnagari / Telugu / Tamil / English

🌼 भूमिका: अन्नपूर्णा माता की स्तुति में अमृतमय अष्टकम् 🌼

अन्नपूर्णाष्टकम् आदि शंकराचार्य द्वारा रचित एक अत्यंत प्रभावशाली स्तोत्र है, जो माँ अन्नपूर्णा की महिमा का गान करता है। अन्नपूर्णा देवी को भोजन और समृद्धि की अधिष्ठात्री देवी माना जाता है। इस अष्टकम् के प्रत्येक श्लोक में माँ की करुणा, वात्सल्य और जीवनदायिनी शक्ति का सुंदर वर्णन मिलता है। रोज़ इसका पाठ करने से न केवल मानसिक शांति प्राप्त होती है, बल्कि जीवन में स्थायित्व, संतुलन और भक्ति की अनुभूति भी होती है। इस पवित्र स्तोत्र के शुद्ध देवनागरी लिरिक्स और अर्थ नीचे दिए गए हैं, जिससे पाठकों को भावार्थ सहित गहराई से जुड़ने में सहायता मिलेगी।

नित्यानन्दकरी वराभयकरी सौन्दर्यरत्नाकरी
निर्धूताखिलदोषपावनकरी प्रत्यक्षमाहेश्वरी ।
प्रालेयाचलवंशपावनकरी काशीपुराधीश्वरी
भिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णेश्वरी ॥ १ ॥

नानारत्नविचित्रभूषणकरी हेमाम्बराडम्बरी
मुक्ताहारविडम्बमानविलसद्वक्षोजकुम्भान्तरी ।
काश्मीरागरुवासिताङ्गरुचिरा काशीपुराधीश्वरी
भिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णेश्वरी ॥ २ ॥

योगानन्दकरी रिपुक्षयकरी धर्मैकनिष्ठाकरी
चन्द्रार्कानलभासमानलहरी त्रैलोक्यरक्षाकरी ।
सर्वैश्वर्यकरी तपः फलकरी काशीपुराधीश्वरी
भिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णेश्वरी ॥ ३ ॥

कैलासाचलकन्दरालयकरी गौरी ह्युमाशाङ्करी
कौमारी निगमार्थगोचरकरी ह्योङ्कारबीजाक्षरी ।
मोक्षद्वारकवाटपाटनकरी काशीपुराधीश्वरी
भिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णेश्वरी ॥ ४ ॥

दृश्यादृश्यविभूतिवाहनकरी ब्रह्माण्डभाण्डोदरी
लीलानाटकसूत्रखेलनकरी विज्ञानदीपाङ्कुरी ।
श्रीविश्वेशमनः प्रसादनकरी काशीपुराधीश्वरी
भिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णेश्वरी ॥ ५ ॥

आदिक्षान्तसमस्तवर्णनकरी शम्भुप्रिया शाङ्करी
काश्मीरत्रिपुरेश्वरी त्रिनयनी विश्वेश्वरी शर्वरी ।
स्वर्गद्वारकवाटपाटनकरी काशीपुराधीश्वरी
भिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णेश्वरी ॥ ६ ॥

उर्वीसर्वजनेश्वरी जयकरी माता कृपासागरी
नारीनीलसमानकुन्तलधरी नित्यान्नदानेश्वरी ।
साक्षान्मोक्षकरी सदा शुभकरी काशीपुराधीश्वरी
भिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णेश्वरी ॥ ७ ॥

देवी सर्वविचित्ररत्नरचिता दाक्षायणी सुन्दरी
वामा स्वादुपयोधरा प्रियकरी सौभाग्यमाहेश्वरी ।
भक्ताभीष्टकरी सदा शुभकरी काशीपुराधीश्वरी
भिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णेश्वरी ॥ ८ ॥

चन्द्रार्कानलकोटिकोटिसदृशी चन्द्रांशुबिम्बाधरी
चन्द्रार्काग्निसमानकुण्डलधरी चन्द्रार्कवर्णेश्वरी ।
मालापुस्तकपाशसाङ्कुशधरी काशीपुराधीश्वरी
भिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णेश्वरी ॥ ९ ॥

See also  मान मेरा कहना नही तो पछतायेगा माटी का खिलौना Lyrics, Video, Bhajan, Bhakti Songs

क्षत्रत्राणकरी महाभयहरी माता कृपासागरी
सर्वानन्दकरी सदा शिवकरी विश्वेश्वरी श्रीधरी ।
दक्षाक्रन्दकरी निरामयकरी काशीपुराधीश्वरी
भिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णेश्वरी ॥ १० ॥

अन्नपूर्णे सदापूर्णे शङ्करप्राणवल्लभे ।
ज्ञानवैराग्यसिद्ध्यर्थं भिक्षां देहि च पार्वति ॥ ११ ॥

माता च पार्वती देवी पिता देवो महेश्वरः ।
बान्धवाः शिवभक्ताश्च स्वदेशो भुवनत्रयम् ॥ १२ ॥

इति श्रीमत्परमहंसपरिव्राजकाचार्यस्य श्रीगोविन्दभगवत्पूज्यपादशिष्यस्य श्रीमच्छङ्करभगवतः कृतौ अन्नपूर्णा स्तोत्रम् ।

Also Read:

Browse Temples in India

Recent Posts

श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय-3 : कर्म योग (Bhagavad Gita Chapter 3 in Hindi)

कर्म योग भगवद गीता का तीसरा अध्याय है। इसमें भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन को समझाते हैं कि केवल ज्ञान से नहीं, बल्कि निष्काम कर्म से मुक्ति प्राप्त होती है। मनुष्य को अपने कर्तव्य का पालन अवश्य करना चाहिए।जो लोग कर्म…

श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय-2 : सांख्य योग (Bhagavad Gita Chapter 2 in Hindi)

सांख्य योग भगवद गीता का दूसरा अध्याय है। इसे गीता का हृदय भी कहा जाता है क्योंकि इसमें आत्मा का स्वरूप, नश्वर और अमर तत्वों का भेद, कर्तव्य पालन का महत्व और निष्काम कर्मयोग की शिक्षा दी गई है।…

Shri Atmavireshwar Mahadev Temple – Varanasi

Shri Atmavireshwar Mahadev Temple is one of the prominent and sacred Shiva temples in Kashi (Varanasi), Uttar Pradesh. Dedicated to Lord Shiva in the form of Atmavireshwar, this temple is part of the famous Kashi Khand temples mentioned in…

था आया सूं सुधरे काज पधारो कीर्तन में गणराज Lyrics, Video, Bhajan, Bhakti Songs

गणपति बप्पा के भक्तों के लिए प्रस्तुत है एक सुंदर राजस्थानी शैली में रचा गया भजन – “था आया सूं सुधरे काज पधारो कीर्तन में गणराज”। इस भजन में भक्त गणराज श्री गणेश जी से निवेदन करता है कि…

शरण में आ पड़ा तेरी प्रभु मुझको भुलाना ना Lyrics, Video, Bhajan, Bhakti Songs

“शरण में आ पड़ा तेरी प्रभु मुझको भुलाना ना” एक अत्यंत भावुक और आत्मा को छू जाने वाला भजन है, जिसे मधुर स्वर में सुधांशु जी महाराज ने प्रस्तुत किया है। यह भक्ति गीत प्रभु श्रीहरि की शरणागति, करुणा…

ओ अवसर हे राम भजन रो सुता कोई मत रिज्यो रे Lyrics, Video, Bhajan, Bhakti Songs

“ओ अवसर है राम भजन रो सुता कोई मत रिज्यो रे” एक अत्यंत प्रेरणादायक राम भजन है जिसे सुखदेव जी महाराज ने अपनी भावपूर्ण वाणी से प्रस्तुत किया है। यह भक्ति गीत जीवन की नश्वरता और राम नाम की…