मेरे जीवन की जुड़ गयी डोर, किशोरी तेरे चरणन में किशोरी तेरे चरणन में, महारानी तेरे चरणन में

मेरे जीवन की जुड़ गयी डोर, किशोरी तेरे चरणन में 
किशोरी तेरे चरणन में, महारानी तेरे चरणन में 

तेरी ऊँची अटारी प्यारी, मैं वारी तेरी गलियन पे 
मेरी जीवन की हो जाये भोर, किशोरी तेरे चरणन में 

तू एक इशारा कर दे, मई दौड़ी आऊं बरसाने 
मैं तो नाचूं बन कर मोर, किशोरी तेरे चरणन में 

मेरा पल में भाग्य में बदलदे इशारा तेरी करुणा का 
मेरे जन्मों की कट जाए डोर, किशोरी तेरे चरणन में 

थक सा गया हूँ जगत झंझट में स्वामिनी बाल में तुम्हारा 
भाव सागर में डूब रहा है सूजत नाही किनारा 
ऐसे दीन अनाथ को तुम को कौन सहारा 
आओ और पकड़ लो उंगली अपना जान दुलारा 

मेरी आहों से झोली भर दे तू बस जा तन मन में

See also  Bhagavad Gita: Chapter 13, Verse 26

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