ghir aayi kaari badariya, vrindavan jhoolan bhajan
घिर घिर आई कारी बदरिया
देर लगायी मेरी याद न आयी
घर आजा आजा
घर आजा सावरिया
दरश बिना मेरी अंखियां प्यासी
निस दिन बात टेक तेरी दासी
छायी है उदासी
प्यास बुझा जा आजा
छायी है उदासी
प्यास बुझा जा आजा
तोहे ढूढे नजरिया आजा
घर आजा सावरिया
घिर घिर आयी
बीतत नाही दिन जिया नहीं लागे
आखियो से निन्दिया दूर दूर भागे
बिनती करूँ मैं दर्श दिखा जा आजा
बिनती करूँ मैं दर्श दिखा जा आजा
ले ले मेरी ख़बरिया आजा आजा
घर आजा सावरिया
घिर घिर आयी.