जय जय नारायण नारायण हरि हरि
जय जय नारायण नारायण हरि हरि

जय जय नारायण नारायण हरि हरि, स्वामी नारायण नारायण हरि हरि

जय जय नारायण नारायण हरि हरि,
स्वामी नारायण नारायण हरि हरि।
तेरी लीला सब से न्यारी न्यारी हरि हरि,
तेरी महिमा प्रभु है प्यारी प्यारी हरि हरि॥

अलख निरंजन, भवभय भंजन ,जनमन रंजन दाता।
हमें शरण दे अपने चरण में, कर निर्भय जगत्राता।
तुने लाखों की नईया तारी तारी हरि हरि॥

प्रभु के नाम का पारस जो छूले वो हो जाए सोना।
दो अक्षर का शब्द हरि है, लकिन बड़ा सलोना।

See also  Bhagavad Gita: Chapter 10, Verse 14

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