कृष्ण नाम की रंगी चुनरिया अब रंग दूज भाये ना
कृष्ण नाम की रंगी चुनरिया
अब रंग दूज भाये ना
बोझा भारी रैन आहारी
जाउ कहा मैं कृष्ण मुरारी
हठ पकड़ी है मेरे दिल ने
और के द्वारे जाए ना
कृष्ण नाम की॥
लोक लाज मैं तजजी सावरिया
बन बन डोलू बन के बावरिया
गिरधर मेरे तेरी दासी
कही चैन अब पाये ना।
कृष्ण नाम की॥
रंग तुम्हारा चढ़ गया मोहन
बन गयी मैतो तेरी जोगन
प्यासा की अंखिया रास्ता निहारे
क्यु तू दर्स दिखाए ना।
कृष्ण नाम की रंगी चुनरिया