मझधार में है नैया भव पार तुम लगा दो भजन लिरिक्स

मझधार में है नैया,
भव पार तुम लगा दो।

दोहा – माझी बन जा श्याम धणी,
मेरी सुनले करुण पुकार,
अभी किनारा बहुत दूर है,
मेरी टूट गई पतवार।



मझधार में है नैया,
भव पार तुम लगा दो,
मुझे थाम लो कन्हैया,
तक़दीर तुम जगा दो,
तेरा सहारा मुझे तेरा सहारा,
तेरा सहारा मुझे तेरा सहारा।।



दुनिया से श्याम बाबा,
खाया है मैंने धोखा,
बढ़ने लगा मैं जब भी,
अपनो ने मुझको रोका,
बनके मेरा खिवैया,
भव पार तुम लगा दो,
मझधार में है नईया,
भव पार तुम लगा दो,
तेरा सहारा मुझे तेरा सहारा,
तेरा सहारा मुझे तेरा सहारा।।



किस दर पे जाऊँ बाबा,
कोई और ना ठिकाना,
तेरे भरोसे सबकुछ,
मेरी लाज तुम बचाना,
उजड़ा है मेरा गुलशन,
रहमत से तुम सज़ा दो,
मझधार में है नईया,
भव पार तुम लगा दो,
तेरा सहारा मुझे तेरा सहारा,
तेरा सहारा मुझे तेरा सहारा।।



मुश्किल में श्याम बाबा,
मुझको तेरा सहारा,
पतवार तुमने थामी,
मुझे मिल गया किनारा,
‘सोनी’ को तेरे दर का,
नौकर प्रभु बना दो,
मझधार में है नईया,
भव पार तुम लगा दो,
तेरा सहारा मुझे तेरा सहारा,
तेरा सहारा मुझे तेरा सहारा।।



मझधार में है नईया,
भव पार तुम लगा दो,
मुझे थाम लो कन्हैया,
तक़दीर तुम जगा दो,
तेरा सहारा मुझे तेरा सहारा,
तेरा सहारा मुझे तेरा सहारा।।

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