नगरी हो अयोध्या सी रघुकुल सा घराना हो लिरिक्स
Nagri Ho Ayodhya Si
नगरी हो अयोध्या सी रघुकुल सा घराना हो लिरिक्स (हिन्दी)
नगरी हो अयोध्या सी,
रघुकुल सा घराना हो,
चरण हो राघव के,
जहाँ मेरा ठिकाना हो,
चरण हो राघव के,
जहाँ मेरा ठिकाना हो।।
लक्ष्मण सा भाई हो,
कौशल्या माई हो,
स्वामी तुम जैसा,
मेरा रघुराई हो,
स्वामी तुम जैसा,
मेरा रघुराई हो।।
हो त्याग भरत जैसा,
सीता सी नारी हो,
लव कुश के जैसी,
संतान हमारी हो,
लव कुश के जैसी,
संतान हमारी हो।।
श्रद्धा हो श्रवण जैसी,
शबरी सी भक्ति हो,
हनुमत के जैसी,
निष्ठा और शक्ति हो,
हनुमत के जैसी,
निष्ठा और शक्ति हो।।
मेरी जीवन नैया हो,
प्रभु राम खिवैया हो,
राम कृपा की सदा,
मेरे सिर पर छैया हो,
राम कृपा की सदा,
मेरे सिर पर छैया हो।।
सरयू का किनारा हो,
निर्मल जलधारा हो,
दर्श मुझे भगवन,
जिस घड़ी तुम्हारा हो,
दर्श मुझे भगवन,
जिस घड़ी तुम्हारा हो।।
नगरी हो अयोध्या सी,
रघुकुल सा घराना हो,
चरण हो राघव के,
जहाँ मेरा ठिकाना हो,
चरण हो राघव के,
जहाँ मेरा ठिकाना हो।।
नगरी हो अयोध्या सी रघुकुल सा घराना हो Video
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