१. वेद के कितने विभाग हैं ? वेद को किन -किन नामों से जाना जाता है ?

वेद के चार विभाग हैं –जिन्हें ऋग्वेद , यजुर्वेद , सामवेद और अथर्ववेद के नाम से जाना जाता है ।

२. इस विभाजन का आधार क्या है ?
इस विभाजन का आधार है –उन में वर्णित विषय ।

३. ऋग्वेद में किस विषय का वर्णन है ?
ऋग्वेद में विज्ञान का वर्णन है । ऋग्वेद विज्ञान कांड है ।

४. यजुर्वेद में किस विषय का वर्णन है ?
यजुर्वेद में क्रिया और गति का वर्णन है । यजुर्वेद कर्म कांड है ।

५. सामवेद में किस विषय का वर्णन है ?
सामवेद में उपासना का वर्णन है। सामवेद उपासना कांड है ।

६. अथर्ववेद में किस विषय का वर्णन है ?
अथर्ववेद में ज्ञान का वर्णन है । अथर्ववेद ज्ञान कांड है ।।

७. ऋग्वेद का भाग किस प्रकार किया गया है ?
ऋग्वेद का विभाग मंडलों में किया गया है । मंडल का अनुवाकों में और अनुवाक का सूक्तों में विभाग किया गया है ।

८. ऋग्वेद में कितने मंडल है ?
ऋग्वेद में दस मंडल हैं ।

९. किस मंडल में कितने अनुवाक , सूक्त और मंत्र हैं ?
प्रथम मंडल में २४ अनुवाकों के १९१ सूक्तों में १९७६ मंत्र हैं ।
द्वितीय मंडल में ४ अनुवाकों के ४३ सूक्तों में ४२९ मंत्र हैं ।
तृतीय मंडल में ५ अनुवाकों के ६२ सूक्तों में ६१७ मंत्र हैं ।
चतुर्थ मंडल में ५ अनुवाकों के ५८ सूक्तों में ५८९ मंत्र हैं ।
पंचम मंडल में ६ अनुवाकों के ८७ सूक्तों में ७२७ मंत्र हैं ।
षष्ठ मंडल में ६ अनुवाकों के ७५ सूक्तों में ७६५ मंत्र हैं ।
सप्तम मंडल में ६ अनुवाकों के १०४ सूक्तों में ८४१ मंत्र हैं ।
अष्टम मंडल में १० अनुवाकों के १०३ सूक्तों में १७२६ मंत्र हैं ।
नवम मंडल में ७ अनुवाकों के ११४ सूक्तों में १०९७ मंत्र हैं ।
दसम मंडल में १२ अनुवाकों के १९१ सूक्तों में १७५४ मंत्र हैं ।
इस प्रकार ऋग्वेद में कुल मिला कर —
दस मंडलों में ८५ अनुवाकों के १०२८ सूक्तों में १०५८९ मंत्र हैं ।

१०. यजुर्वेद का विभाग किस प्रकार किया गया है ?
यजुर्वेद का विभाग अध्यायों में किया गया है ।

११. यजुर्वेद में कितने अध्याय हैं ?
यजुर्वेद में कुल ४० अध्याय हैं ।

१२. यजुर्वेद में कुल कितने मंत्र हैं ?
यजुर्वेद के ४० अध्यायों में कुल १९७५ मंत्र हैं ।

१३. सामवेद का विभाग किस प्रकार किया गया है ?
सामवेद का विभाग आर्चिकों में और आर्चिक का विभाग अध्यायों में किया गया है ।

१४. सामवेद में कुल कितने आर्चिक हैं ?
सामवेद में कुल ३ आर्चिक हैं —(१)छंद आर्चिक जिसे पूर्वार्चिक भी कहते हैं , (२)महानाम्न्यार्चिक और (३) उत्तरार्चिक ।

१५. इन आर्चिकों के विभाग किस प्रकार किए गए हैं ?
छंद आर्चिक या पूर्वार्चिक को अध्यायों में और अध्याय को दशतियों में विभाजन किया गया है ।महानाम्न्यार्चिक के और उपविभाग नहीं हैं ।उत्तरार्चिक को अध्यायों में और अध्याय को सूक्तों में विभाजन किया गया है ।

१६ . पूर्वार्चिक में कितने अध्याय , दशति एवं मंत्र हैं ?
पूर्वार्चिक के ६ अध्यायों को ६४ दशतियों में बांटा गया है ।पूर्वार्चिक में कुल ६४० मंत्र हैं ।

१७. महानाम्न्यार्चिक में कितने मंत्र हैं ?
महानाम्न्यार्चिक में १० मंत्र हैं ।

१८. उत्तरार्चिक में कितने अध्याय , सूक्त एवं मंत्र हैं ?
उत्तरार्चिक में कुल २२ अध्याय हैं ।इन २२ अध्यायों में कुल ४०२ सूक्त हैं , जिनमें १२२५ मंत्र हैं ।

१९. सामवेद में कुल कितने मंत्र हैं ?
सामवेद में कुल १८७५ मंत्र हैं ।

२०. अथर्ववेद का किस प्रकार विभाग किया गया है ?
अथर्ववेद का विभाग कांडों और सूक्तों में किया गया है ।

२१. अथर्ववेद में कितने कांड है ?
अथर्ववेद में २० कांड है ।

२२. इन कांडों का विभाजन किस प्रकार किया गया है ?
इन कांडों का विभाजन सूक्तों में किया गया है ।

२३. अथर्ववेद में कितने सूक्त और मंत्र हैं ?
अथर्ववेद के ७३१ सूक्तों में ५९७७ मंत्र हैं

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