तनधन बाबो सेठ म्हारी नारायणी सेठानी है तनधन बाबो सेठ म्हारी नारायणी सेठानी है

तनधन बाबो सेठ म्हारी नारायणी सेठानी है
तनधन बाबो सेठ म्हारी नारायणी सेठानी है
ये तो झुंझुनू के महरानी है…
तनधन बाबो सेठ…

मॉँग के तू देख, सर ने झुका के देख दादी के द्वार पे 
पल में बदल देसी माँ तकदीरारी रे जो आया द्वार पे
बाँट रही पर्चा
बाँट रही पर्चा, झूठी ना ही ये कहानी है 
ये तो झुंझुनू के महारानी है…

दुःख में सुमिररन कर या सुख में सुमिरन कर, आवेगी मावड़ी
भक्ता के सागे जो रिश्तो बनायो है, निभावेगी मावड़ी 
इह खातिर ही तोह आकि दुनिया दीवानी है 
ये तो झुंझुनू के महारानी है…

या कुलदेवी म्हारी सारे जग से न्यारी है भक्ता ने प्यारी है
ममता लुटावे है या साथ निभावे है या पालनहारी है
श्याम जो गावे
श्याम जो गावे या तो आकि मेहेरबानी है
ये तो झुंझुनू के महारानी है…

See also  Bhagavad Gita: Chapter 5, Verse 10

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